इंजीनियर श्याम नंदन प्रसाद ने सुशील मोदी को दे दी चुनौती, जानिए पूरा मामला

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पटना: एक सीट पर होनेवाले राज्यसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी सुशील कुमार मोदी को भले ही महागठबंधन से किसी विरोध का सामना न करना पड़ा हो, लेकिन एक इंजीनियर श्याम नंदन प्रसाद ने उनके खिलाफ पर्चा दाखिल कर दिया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के खिलाफ पर्चा दाखिल करनेवाले श्याम नंदन पंडारक के रहनेवाले हैं। हालांकि प्रसाद के नामांकन में उनकी ओर से कोई विधायक प्रस्तावक नही है। जबकि नामांकन के लिए कम से कम से 10 विधायकों का प्रस्तावक होना जरूरी है।

लिहाजा स्क्रूटिनी में श्याम नंदन प्रसाद के नामांकन का टिकना मुश्किल है। इसके बावजूद श्याम नंदन प्रसाद की इंट्री ने उपचुनाव को रोचक बना दिया है।

सुशील मोदी को कब मिलेगा सर्टिफिकेट

राज्यसभा उपचुनाव में महागठबंधन की तरफ से किसी नेता के पर्चा दाखिल नहीं करने की स्थिति में अब सुशील मोदी की जीत पक्की हो चली है। रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव 14 दिसंबर को होना था, लेकिन अब मतदान की संभावना न के बराबर है।

सुशील मोदी इस पद के लिए एकमात्र वैध उम्मीदवार हैं। उपचुनाव के लिए अधिसूचना 26 नवंबर को जारी हुई थी, 3 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक नामांकन दाखिल करने का आखिरी समय था। 4 नवंबर को नामांकन की जांच होगी, जिसे 5 नवंबर तक वापस लिया जा सकेगा। 6 नवंबर को रविवार होने की वजह से सुशील मोदी को 7 नवंबर को सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

राजद ने नहीं उतारा प्रत्याशी

विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में करारी शिकस्त और बड़े उलटफेर की कोई संभावना नहीं देख महागठबंधन के किसी दल के किसी नेता ने राज्यसभा चुनाव में हार का सर्टिफिकेट लेने की हिम्मत नहीं दिखाई थी।इस तरह मोदी निर्विरोध रह गए। लेकिन राजद ने इसके पीछे मजेदार तर्क दिया।

पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि बिहार, सुशील मोदी से मुक्ति चाहता है और महागठबंधन इस मुक्ति की राह में रोड़ा नहीं बनना चाहता। इसलिए राज्यसभा चुनाव में उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है।

मोदी को केंद्र में क्या भूमिका मिलेगी

बिहार के राजनीतिक गलियारों में अभी यह चर्चा आम है कि सुशील मोदी के अनुभव का फायदा केंद्र सरकार कैसे उठाएगी। बड़ी संभावना यही थी कि उन्हें वित्त विभाग का काम दिया जायेगा।

बिहार में इस विभाग को संभालने का उनका लंबा अनुभव भी है, और मोदी की चाहत भी है, लेकिन भास्कर ने पहले ही बताया, यह लगभग तय है कि उन्हें कृषि या खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाया जाएगा।

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