छपरा जेल के गेट पर तैनात गृह रक्षक को अपराधियों ने मारी गोली, दो गिरफ्तार

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Chhapra: मंडल कारा के मुख्य गेट पर तैनात गृह रक्षक को अपराधियों ने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया है। गृह रक्षक रामाशंकर यादव को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंडल कारा अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि गृह रक्षक रामाशंकर यादव जेल के बाहरी मेन गेट पर तैनात थे। इसी दौरान अपराधियों ने आकर गोलीबारी कर दी, जिसमें गृह रक्षक को पैर तथा हाथ में गोली लगी है।

सीसीटीवी कैमरा से खुलेगा राज

घटना की सूचना रात में ही भगवान बाजार थाना की पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। इस कांड में संलिप्त दो बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर ली है। उससे पूछताछ की जा रही है। जेल गेट तथा मुख्य सड़क पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरा का फुटेज खंगाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि जमीन विवाद में गोलीबारी हुई है। गृह रक्षक का गांव में किसी से जमीन का विवाद है। उसी रंजीश को लेकर गोली मारी गई है।

पुलिस को सीधी चुनौती

जेल के मेन गेट पर तैनात गृह रक्षक को अपराधियों के द्वारा गोली मारकर घायल करने की घटना पुलिस के लिए खुली चुनौती के रूप में है। जिले में पिछले एक पखवाड़े से लगातार अपराध की घटनाएं हो रही है और अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ चुका है।

लगातार हो रही वारदात

एक सप्ताह पहले गड़खा में अपराधियों ने एक साथ गोली मारकर एक ही परिवार के तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जबकि उसके एक दिन पहले इसुआपुर में अपराधियों ने चार लोगों को गोली मारकर घायल कर दिया था। उसके ठीक एक दिन पहले यानी 20 नवंबर को मांझी में छठ पूजा के दौरान अपराधियों ने छठ घाट पर अंधाधुंध फायरिंग कर 6 लोगों को घायल कर दिया था। चार दिन पहले अवतार नगर थाना क्षेत्र में सेंट्रल बैंक के एक कर्मचारी को अपराधियों ने चाकू मारकर घायल कर दिया तथा उसकी बाइक लूट ली थी।

महागठबंधन को नहीं मिल रहा प्रत्याशी, श्याम रजक ने भी किया उम्मीदवार बनने से इनकार

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Patna: राज्यसभा उपचुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी के खिलाफ प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुके महागठबंधन में उम्मीदवार उतारना बड़ी परेशानी बन चुका है। महागठबंधन के प्रस्ताव को लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की मां रीना पासवान ने पहले ही ठुकरा दिया था और अब राजद के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने भी उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। हाल ही में जदयू छोड़कर राजद लौटे श्याम रजक को विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने टिकट तक नहीं दिया था। टिकट नहीं मिलने से दुखी बताए जा रहे श्याम रजक को खुश करने के लिए राजद की तरफ उन्हें राज्यसभा उपचुनाव की उम्मीदवारी देने की पेशकश की गई थी।

क्या कहा श्याम रजक ने

मीडिया ने जब श्याम रजक से संपर्क किया तो उन्होंने अपने राज्यसभा उम्मीदवार बनने की खबरों को पूरी तरह से गलत बताया। श्याम रजक ने कहा कि उनकी इस तरह की कोई इच्छा नहीं है और वे इन सब मामलों से पूरी तरह से अलग हैं। यह भी कहा कि वे मंगलवार की शाम अपने रेगुलर हेल्थ चेकअप के लिए दिल्ली जा रहे हैं।

महागठबंधन की क्या है परेशानी

महागठबंधन की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि कांग्रेस और राजद दोनों ही दलों के नेता उम्मीदवार बनना नहीं चाह रहे। इसकी बड़ी वजह अंकगणित है जिसमें एनडीए महागठबंधन से आगे है। एनडीए के पास 125 विधायकों का साथ है तो महागठबंधन के पास 110 विधायकों का और एआईएमआईएम के 5 विधायकों के साथ कुल 115 का है। हालांकि यह अंतर काफी कम है लेकिन एनडीए में शामिल विधायकों को तोड़ पाना महागठबंधन के लिए मुश्किल काम है। लिहाजा महागठबंधन के ज्यादातर नेता संभावित हार को देखते हुए, उम्मीदवार बनने से बच रहे हैं। खबर तो यह भी है कि श्याम रजक ने ही नहीं, कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा को भी महागठबंधन ने उम्मीदवार बनाने पर विचार किया, लेकिन उन्होंने भी इससे इनकार कर दिया।

दलित लेकिन धनी चेहरे की तलाश

माना यह भी जा रहा है कि महागठबंधन इस उम्मीदवारी के लिए किसी दलित चेहरे की तलाश कर रहा है। लेकिन ये दलित चेहरा, धन के मामले में मजबूत हो इसका भी खास ख्याल रखा जा रहा है, क्योंकि जाहिर है महागठबंधन को अगर जीतना है तो उसे जोड़-तोड़ करना होगा और ऐसे में धन-बल से मजबूत नेता ही पासा पलट सकता है।

लोजपा के एकमात्र विधायक पर होगी नजर

रीना पासवान की नामंजूरी से महागठबंधन को भले ही निराशा हाथ लगी हो, लेकिन महागठबंधन को लोजपा से उम्मीद अब भी बाकी है। लोजपा के पास एक विधायक हैं राजकुमार सिंह। लोजपा के इस इकलौते विधायक का वोट महागठबंधन के लिए मददगार हो सकता है अगर वो महागठबंधन की तरफ वोट करें। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में राजकुमार सिंह ने एनडीए के पक्ष में वोट किया था, लेकिन फिलहाल राजकुमार सिंह कोरोना से पीड़ित हैं, ऐसे में 14 दिसंबर को होनेवाले राज्यसभा उपचुनाव के मतदान में वे अगर नहीं भी आते हैं तो बहुत सवाल पर उनपर नहीं किये जा सकेंगे। वहीं, उनका एब्सेंट होना महागठबंधन को मदद कर जाएगा।

सुशील मोदी 2 दिसंबर को करेंगे नामांकन

उपचुनाव में एनडीए के उम्मीदवार बने सुशील कुमार मोदी 2 दिसंबर को नामांकन दाखिला करेंगे। 3 दिसंबर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। ऐसे में महागठबंधन के पास अब केवल आज और कल का दिन ही बचा है।

पटना में दो दिन पहले हुई हत्या का पुलिस ने किया खुलासा, ऑटो ड्राइवर के वेश में घूम रहे लुटेरे !

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Patna: राजधानी पटना में अगर आप देर रात पहुंचते हैं तो अपने मंजिल पर जाने के लिए ऑटो का सहारा मत लीजिए क्योंकि हो सकता है ऑटो ड्राइवर के रूप में आपका सामना किसी अपराधी से हो जाए. इस बात का खुलासा तब हुआ जब 28 नवंबर की रात चिरैयाटांड़ पुल पर ऑटो में हुई लूट और हत्याकांड का पटना पुलिस ने पर्दाफाश किया.

पेशे से शिक्षिका साइका परवीन सीवान से अपने पति इमरान आलम के साथ देर रात पटना पहुंची थी जिनको अपनी शादी की सालगिरह मनाने डेहरी ऑन सोन जाना था लेकिन देर रात अनजाने में वह अपने पति के साथ ऐसे ऑटो में सवार हो गई जिसमें ड्राइवर के रूप में न केवल अपराधी था बल्कि दूसरे सहयात्री के रूप में भी हथियारों से लैस उसके साथी अपराधी बैठे थे.

पटना के सिटी एसपी ईस्ट जितेंद्र कुमार ने बताया कि अगमकुआं से सवार दंपत्ति को चिरैयाटांड़ पुल पर लाकर लूटा जाने लगा और जब पत्नी ने इसका विरोध किया तब अपराधियों ने उसकी आंख में गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. दरअसल पटना जंक्शन पर ऑटो चलाने वाले चार अपराधियों ने ही इस घटना को अंजाम दिया था.

इस गैंग में जिशु नमक वह ऑटो ड्राइवर भी शामिल था जो महिला और उसके पति को लेकर पटना जंक्शन के लिए चला था. सिटी एसपी ने माना कि जिस ऑटो पर दंपति सवार हुआ था उस पर पुलिस कोड भी नहीं था और पटना में कई ऐसे हैं जहां ऐसे ऑटो चल रहे हैं जिस पर पुलिस का कोड नहीं है. पुलिस ने शिक्षिका हत्याकांड में ऑटो ड्राइवर जीतू के अलावा उसके फरार दो अन्य साथियों की भी पहचान कर ली है.

पुलिस तफ्तीश में पता चला है कि सभी आरोपी आदतन अपराधी हैं जिन्होंने उस दिन पहले से ही लूट की योजना बना रखी थी. जैसे ही मौका मिला इन अवांछित तत्वों ने लूटपाट करने के साथ ही हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध को भी अंजाम दे डाला. जिन दो अपराधियों की गिरफ्तारी हुई उनसे पुलिस ने मृतका के पति का रुपयों से भरा बैग भी बरामद कर लिया है और साथ ही हत्याकांड में अपराधियों द्वारा उपयोग में लाए गए पिस्टल को भी पुलिस द्वारा जब्त कर लिया गया है.

बड़वा घाट मेला

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अपना_गाँव

आस्था व परंपरा की परिपाटी से जुड़े छपरा जिले के मशरख प्रखण्ड के अरना पंचायत मे घोघारी नदी के तट पर विगत डेढ़ वर्ष से भी ज्यादा समय से कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन लगने वाला बड़वाघाट मेला आधुनिकता की चकाचौंध के बाद भी अपनी पुरातन पहचान को कायम रखे हुए है जनश्रुतियों के अनुसार वनवास के दौरान भगवान राम ने यहां प्रवास किया था ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां पैर धोने से सभी पाप धुल जाते हैं इस परंपरा को आज भी लोग काम किए हुए है.

छपरा जिले के मशरख थाना अंर्तगत बरवाघाट में स्थापित ऐतिहासिक रामजानकी मंदिर 18वीं सदी में घोघारी नदी के तट पर बना है।इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में बहुत सारी जनश्रुतिया भी प्रचलित है.

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कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन यहां विशाल मेला लगता है. ऐसी कहानी प्रचलित है कि वनवास के दौरान भगवान राम यहां आए थे और खुद से इस मंदिर का निर्माण किया था. 1983 से पहले इस मंदिर के गुंबज में सोने का त्रिशूल लगा हुआ था जिसे डकैतों ने काट लिया.

उफनती नदी के मुहाने पर जब डकैत सीढ़ी लगाकर मंदिर के गुंबद से सोने का त्रिशूल काट रहे थे तब हजारों की संख्या में ग्रामीण चारों तरफ से डकैतो को घेरे हुए थे। ऊफनती नदी की धारा का फायदा उठाकर डकैत भाग निकले. 2015 में स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से इस मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ था. मंदिर के गुंबज पर पिछले वर्ष वज्रपात हुआ था आसपास के इलाके के लोग दैवीय चमत्कार मानते हैं.

चिराग को नहीं पसंद आया तेजस्वी का ऑफर, LJP नहीं उतारेगा उम्मीदवार

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Patna: बिहार में राज्यसभा (Bihar Rajyasabha Election) की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर स्थिति साफ हो गई है. चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने ये साफ कर दिया है कि इस उपचुनाव में उसकी तरफ से कोई प्रत्याशी चुनाव में नहीं होगा. इसको लेकर पार्टी के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है.

इस ट्वीट में लिखा गया है कि @RJDforIndia के कई साथी अपना समर्थन इस सीट पर लोजपा प्रत्याशी के लिए करने की बात की है।उनके समर्थन के लिए पार्टी आभार व्यक्त करती है।इस राज्य सभा सीट पर @LJP4India का कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ना चाहता है।

इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी ने चुनाव को लेकर एक और ट्वीट किया था जिसमें लिखा गया था कि दलित सेना के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद से रिक्त पड़ी राज्यसभा की सीट पर चुनाव है। राज्यसभा की यह सीट संस्थापक के लिए थी जब पार्टी के संस्थापक ही नहीं रहे तो यह सीट बीजेपी किसको देती है यह उनका निर्णय है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रही है. दो दिसंबर को बिहार एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगे. तीन दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है. लेकिन अभी तक यह साफ हो नहीं हो सका है कि विपक्ष यानी महागठबंधन की ओर से कोई उम्मीदवार उतारा जा रहा है अथवा नहीं.

दरअसल, महागठबंधन में कुछ और भी मंथन किया जा रहा है. दरअसल आरजेडी चाहता है कि दलित नेता के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए किसी दलित को ही मौका दिया जाए. श्याम रजक जैसे कई नेता इस लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन आरजेडी के रणनीतिकारों की यही सोच सामने आ रही थी कि अगर चिराग पासवान सहमति देते हैं तो उनकी माता व दिवंगत राम विलास पासवान की पत्‍नी रीना पासवान को खड़ा कर वह सियासी तौर पर कई शिकार कर लेगी लेकिन चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि वो इस बार भी बीजेपी के साथ हैं.

राज्यसभा चुनाव को लेकर तेजस्वी यादव के अगले कदम को लेकर भी कयासों का बाजार भी गर्म है क्योंकि उन्‍होंने अपने पत्‍ते नहीं खोल कर सस्‍पेंस को बरकरार रखा है.

IPL स्टार ईशान किशन टीम इंडिया में एंट्री के लिए बहा रहे पसीना, धोनी को लेकर कही ये बड़ी बात

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Patna: भारत के स्टार क्रिकेटर और विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन ने कहा है कि मेरा भी सपना है कि मैं भारतीय टीम (Team India) का कप्तान बनूं. पटना पहुंचे ईशान ने कहा कि ये हर क्रिकेटर की इच्छा होती है कि वो भारतीय टीम की नीली जर्सी पहने और भारतीय टीम का हिस्सा बने, मेरा भी यही सपना है और कप्तान बनना तो मेरा शुरू से ही सपना रहा है. मुंबई इंडियन टीम को IPL जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ईशान किशन ने अपने दिल की ख़्वाहिश को मीडिया से बातचीत में व्यक्त किया.

पटना के रहने वाले ईशान किशन जिनका बचपन पटना में गुजरा और क्रिकेट का ककहरा भी पटना में ही सिखा का पटना में ही सम्मान समारोह आयोजित किया गया था जहां आकर वो बेहद इमोशनल दिखे. ईशान किशन बेहद आक्रामक बल्लेबाज़ और विकेटकीपर हैं उनसे जब आक्रामकता के बारे में पूछा गया तो किशन ने कहा कि मैच के पहले जो कठिन ट्रेनिंग और प्रैक्टिस होती है वहीं से उनके अंदर आक्रामकता आ जाती है.

ईशान किशन की मानें तो आज तक उन्हें किसी भी गेंदबाज़ से डर नहीं लगा है. वो बैटिंग करते वक्त किसी भी नामी गेंदबाज़ के नाम को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते हैं जिसकी वजह से वो आक्रामक बल्लेबाज़ी कर लेते हैं. ईशान किशन इस वक़्त झारखंड से खेलते है और क्रिकेट में अपना आदर्श महेंद्र सिंह धोनी को मानते है और धोनी जैसा ही विकेट कीपर, बल्लेबाज़ और कप्तान बनना चाहते हैं. ईशान कहते है धोनी भाई में जो धैर्य और हिम्मत के साथ साथ जो लीडरशीप क्वालिटी है उसका कोई जवाब नहीं है.

ईशान किशन को इस बात का मलाल है कि बिहार में क्रिकेट उतना आगे नही बढ़ पाया है लेकिन उनकी कोशिश होगी जो भी कुछ हो सके वो बिहार क्रिकेट को आगे बढ़ाने में अपना योगदान ज़रूर करेंगे. ईशान किशन ने अपना टार्गेट सेट किया है कि बहुत जल्द भारतीय टीम का हिस्सा बनें और नीली जर्सी पहन गेंदबाज़ों की बखिया उधेड़ें. मुंबई इंडियंस के अपने सहयोगी हार्दिक पांडया से किसी भी मैच के बाद मिली सीख को वो बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं.

बिहार में बढ़ी अपराध की घटनाओं पर तेजस्वी ने नीतीश को घेरा, पूछा- जंगलराज का महाराजा चुप क्यों?

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Patna: बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और हाल के दिनों में घटी आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा है. राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर बिहार की नीतीश सरकार को लेकर सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकृष्ट कराया है. पिछले कुछ दिनों में बिहार में हुई अपराध की वारदातों से संबंधित अखबारों की क्लिपिंग को साझा करते हुए तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

तेजस्वी यादव ने लिखा है

‘आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, चंद दिन पहले की चुनावी सभाओं में शायद आप इसी जंगलराज की कल्पना किया करते थे। बिहार में क़ानून व्यवस्था समाप्त हो अपराधियों का गुंडाराज स्थापित हो गया है।प्रतिदिन सैंकड़ों लोगों की हत्या हो रही है। लेकिन जंगलराज का महाराजा चुप है। क्यों?’

मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों में बिहार में अपराध की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है. इन घटनाओं में लखीसराय में हुई हत्या, नवगछिया में हत्या, बक्सर में हत्या, पटना में महिला शिक्षक की लूट के दौरान हत्या, नवगछिया और औरंगाबाद में हत्या के अलावा कई अन्य बड़ी घटनाएं भी शामिल हैं. विधानसभा चुनाव के बाद बढ़ी इन्हीं आपराधिक घटनाओं को लेकर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश के ऊपर हमला किया है.

आखिर चिराग क्यों नहीं खोल रहे अपने पत्ते, तेजस्वी को है इस बात का इंतजार

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Patna: पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रही है. दो दिसंबर को बिहार एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगे. तीन दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि विपक्ष यानी महागठबंधन की ओर से कोई उम्मीदवार उतारा जा रहा है अथवा नहीं. इससे भी अधिक सस्पेंस इस बात को लेकर है कि लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने पत्ते अब तक क्यों नहीं खोले हैं. आखिर उनके मन में क्या है.

दरअसल, महागठबंधन में कुछ और भी मंथन किया जा रहा है. दरअसल आरजेडी चाहता है कि दलित नेता के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए किसी दलित को ही मौका दिया जाए. श्याम रजक जैसे कई नेता इस लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन आरजेडी के रणनीतिकारों की यही सोच सामने आ रही है कि अगर चिराग पासवान सहमति देते हैं तो उनकी माता व दिवंगत राम विलास पासवान की पत्‍नी रीना पासवान को खड़ा कर वह सियासी तौर पर कई शिकार कर लेगी. हालांकि इस पर आखिरी फैसला चिराग पासवान को करना है.

वहीं, राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा है कि एलजेपी अध्‍यक्ष चिराग पासवान इस पर बुधवार को ही आखिरी फैसला लेंगे. दूसरी ओर तेजस्वी यादव के अगले कदम को लेकर भी कयासों का बाजार भी गर्म है क्योंकि उन्‍होंने अपने पत्‍ते नहीं खोल कर सस्‍पेंस को बरकरार रखा है. ऐसे में सवाल यह है कि क्‍या खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते रहे चिराग पासवान बीजेपी के खिलाफ जंग लड़ेंगे?

बता दें कि एलजेपी को एक राज्यसभा सीट देने का फैसला लोकसभा चुनाव के दौरान ‘सीट शेयरिंग फॉर्मूले’ के तहत तय हुआ था. तब बीजेपी और जेडीयू दोनों 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और एलजेपी ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. साथ ही राज्यसभा की एक सीट एलजेपी के खाते में देने के लिए बीजेपी-जेडीयू तैयार हुए थे. अगर आने वाले दिनों में रामविलास पासवान वाली खाली राज्य सभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी एलजेपी के उम्मीदवार को नहीं उतारेगी तो ये उस फॉर्मूले का उल्लंघन होगा.

हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू से बढ़ी तल्खी और चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद चिराग की बेबसी भी साफ झलक रही है. जब भाजपा ने इस सीट के लिए सुशील कुमार मोदी के नाम की घोषणा कर दी तो बीते 28 नवंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के 20वें स्थापना दिवस पर इसको लेकर चिराग की झल्लाहट भी साफ दिखी. हालांकि उन्होंने संयमित तरीके से ही मीडिया का जवाब देते हुए कहा, यह सीट भाजपा की है और यह फैसला उसे करना है कि वह उपचुनाव में किस पार्टी से उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है. हालांकि उन्होंन यह नहीं साफ किया कि उनकी मां रीना पासवान उम्मीदवार होंगी या नहीं.

बता दें कि बिहार भाजपा नामित पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दो दिसम्बर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. सुशील कुमार मोदी दो दिसम्बर को साढ़े 12 बजे नामांकन दाखिल करेंगे. नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, आदि वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. इस उपचुनाव के लिए सात दिसबंर नाम वापसी का अंतिम दिन है. 14 दिसंबर को मतदान और मतगणना होगा. ऐसे में अब सबकी निगाहें सिर्फ इसी बात पर टिकी हैं कि क्या चिराग क्या फैसला करते हैं.