कोविड-19 टीकाकरण हेतु जिला टास्क फोर्स की हुई बैठक

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टीका भंडारण के लिए डब्लू.आई.सी संस्थापित करने के लिए हुआ विमर्श

स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार के निर्देश के आलोक में कोविड-19 टीकाकरण की अग्रिम तैयारी हेतु जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष कोविड-19 टीकाकरण जिला टास्क फोर्स डॉ. त्यागराजन एस.एम की अध्यक्षता में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (राज कैंपस)में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी,दरभंगा डॉ. अमरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण हेतु जिला टास्क फोर्स में लगभग सभी सरकारी विभागों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार प्रखंड स्तर पर भी प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स का गठन प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में किया जाना है, जिसके संयोजक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण कई चरणों में किया जाएगा इसके लिए लाभार्थियों की सूची का संकलन कर Covid-19 Vaccination Beneficiary Management System (CVBMS) पोर्टल पर अपलोड किया जाना हैं।

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प्रथम चरण में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा। जिनमें आशा, ए.एन.एम, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका, स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी कर्मी (आउटसोर्सिंग से जुड़े व्यक्ति भी शामिल हैं), इसके अतिरिक्त जितने भी निजी क्लीनिक, ग्रामीण चिकित्सक है, उनका भी टीकाकरण किया जाएगा।

जिला प्रबंधक जिला स्वास्थ्य समिति श्री विशाल कुमार ने बताया कि दरभंगा जिला में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े चिकित्सकों एवं कर्मियों की संख्या निजी क्लीनिक को समाहित कर लगभग 20000 होंगे।
दूसरे चरण में गैर स्वास्थ्य कर्मी का टीकाकरण होगा और तीसरे चरण में बुजुर्गों का टीकाकरण होगा। इसके उपरांत सामान्य लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (राज कैंपस) क्षेत्रीय टीका भंडारण केंद्र है। यहां दो WIC (Walk-in- Cool) है। जिनमें एक बड़ा डब्लू.आई.सी है, जिसकी टिका भंडारण क्षमता 46 लाख डोज तथा दूसरी छोटी डब्लू.आई.सी की क्षमता 38 लाख डोज रखने की हैं।

WIC में cold chain 02 डिग्री से 08 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। इसके अतिरिक्त जिले में 37 आई.एल.आर (आइस लाइन रेफ्रिजरेटर) हैं जिसमें प्रत्येक की टीका भंडारण क्षमता 25 हजार डोज है। इसमें कई जगह छोटा आई. एल.आर. भी है, जिसकी क्षमता 12 हजार से 16 हजार डोज है, जो सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल में उपलब्ध है। इस प्रकार जिले में 80 लाख 20 हजार डोज टीका भंडारण की क्षमता उपलब्ध है।

क्षेत्रीय टीका भंडार, केंद्र होने के कारण यहाँ से मधुबनी एवं समस्तीपुर जिला में भी टीका की आपूर्त्ति की जाती है। प्राप्त निर्देश के अनुसार 40 लाख डोज का एक अतिरिक्त डब्लू.आई.सी. का इंस्टॉलेशन किया जाना है। जिसका कोल्ड चैन -15 से -25 सी. का होगा। इसके लिए इसी परिसर में 23 फीट x 08 फीट का स्थान चिन्हित करना है। सभी प्रखंड में भी अतिरिक्त आई.एल.आर के लिए 01 पॉइंट और जगह चिन्हित करना है। उन्होंने कहा कि डी फ्रीजर में आइस पैक रखा जाता है।

जिलाधिकारी ने कहा कि एक सेल बनाकर कर्मियों का डाटा संग्रहण किया जाए। प्रथम चरण के टीकाकरण के लिए कोई भी व्यक्ति, जो स्वास्थ्य कार्य से जुड़े हैं, छूटने न पाए।
बैठक में बताया गया कि डी.एम.सी.एच के विद्यार्थियों को भी इसमें शामिल किया जाए, जिन्हें वैक्सीनेटर के रूप में उपयोग किया जाएगा।

जिलाधिकारी के पूछने पर सिविल सर्जन डॉक्टर संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले में 173 पंजीकृत क्लीनिक हैं। गैर पंजीकृत मिलाकर कुल 317 क्लीनिक हैं, जिनका डाटा संग्रहण किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रखंड स्तर पर भी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में इसकी बैठक करा ली जाए और डाटा संग्रहण कर लिया जाए।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि कोविड-19 टीका के साथ-साथ आने वाले सिरिंच के भंडारण के लिए भी 02 कमरों की आवश्यकता होगी। जिलाधिकारी ने इसके लिए बगल में अवस्थित राजकीय महारानी रामेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान का आयुर्वेदिक ओ.पी.डी का अवलोकन किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि तीन-चार महीनों के लिए शहरी पी.एच.सी का ओ.पी.डी इसी आयुर्वेदिक सेंटर में संचालित कराया जा सकता है और शहरी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र को पूर्णरूपेण क्षेत्रीय कोविड-19 टीका भंडारण केंद्र के रूप में उपयोग किया जाएगा।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा कि टीकाकरण निर्वाचन कार्य की तरह किया जाना है, यथा सभी चुनावी बूथ पर टीकाकरण किया जाएगा। प्रत्येक टीकाकरण दल हेतु एक सुरक्षाकर्मी, लाभार्थियों के सत्यापन हेतु एक सत्यापन कर्ता, 100 व्यक्तियों के टीकाकरण हेतु एक टीका कर्मी, दो सहयोग कर्मी(उत्प्रेरक) टीका प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के ठहराव हेतु प्रतीक्षा क्षेत्र की व्यवस्था इत्यादि।

जिलाधिकारी कोविड-19 टीकाकरण के लिए माइक्रो प्लानिंग कर लेने का निर्देश दिये।
बैठक के उपरांत जिलाधिकारी ने डब्लू आई सी के लिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी कमरों का मुआयना किया। इसके अतिरिक्त वर्तमान में अवस्थित डब्लू आई सी का भी अवलोकन किया।

उन्होंने डब्लू आई सी के सामने संचालित आई एल आर एवं डी फ्रीजर को भी देखा। उन्होंने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कमरों में सिरिंच रखने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित ओपीडी के अस्थाई व्यवस्था के लिए बगल में अवस्थित आयुर्वेदिक केंद्र में प्रवेश कर सभी कमरों का मुआयना किया। इसके साथ ही सर्वे कार्यालय का भी मुआयना किया।

बैठक में उप विकास आयुक्त श्री तनय सुल्तानिया, सिविल सर्जन डॉ. संजीव कुमार सिन्हा, उप निदेशक, जन सम्पर्क श्री नागेन्द्र कुमार गुप्ता, वरीय उप समाहर्ता टोनी कुमारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मो. रिजवान अहमद, डब्लू.एच.ओ के एस.एम.ओ डॉ. वसव राज, यूनिसेफ के एस.एम.सी ओमकार चंद्र एवं शशिकांत सिंह, यू.एन.डी.पी के श्री पंकज कुमार एवं डी.एम.सी.एच के डॉ. ओम प्रकाश, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सर्व शिक्षा श्री संजय देव कन्हैया एवं डी.पी.एम श्री विशाल उपस्थित थे
सत्यम शिवम् दरभंगा

कृषि कानून के खिलाफ 8 तारीख को देशव्यापी हड़ताल में हिस्सा लेगी जाप: पप्पू यादव

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किसानों के समर्थन में 15 तारीख के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी जाप: पप्पू यादव
पप्पू यादव ने पार्टी के सभी कमीटियों को भंग किया

पटना, 5 दिसम्बर:बिहार विधानसभा चुनाव में परिणामों को लेकर जन अधिकार पार्टी (लो) की समीक्षा बैठक राजगीर में संपन्न हुई. इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने की. बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि हमारी पार्टी हर मुद्दे पर जनता के बीच रहती है. हम किसानों के सभी मांगों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं.

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Pappu Yadav

बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में विस्तार से बताते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि 8 तारीख को स्वामीनाथन कमीशन के सिफारिशों को लागू करने और कृषि से जुड़े तीन काले कानूनों के खिलाफ हमारी पार्टी विरोध प्रदर्शन करेगी. हमारी पार्टी किसानों के साथ है और देशव्यापी हड़ताल में किसान यूनियन का समर्थन करेगी. साथ ही हमारी मांग है कि बिहार में मंडी लागू हो और एमएसपी पर सरकार लिखित आश्वासन दे.

आगे उन्होंने कहा कि 15 तारीख के बाद हम एक तिथि तय करेंगे. उस दिन से हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे. 1800 प्रति क्विंटल धान की खरीद सुनिश्चित करवाने के लिए यह हड़ताल होगी. इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में हमारी पार्टी के सभी नेता धरना पर बैठेंगे.

जाप अध्यक्ष ने पार्टी के सभी प्रदेश, जिला और प्रकोष्ठ कमीटियों को भंग कर दिया है. इस बारे में उन्होंने बताया कि 15 दिनों के अंदर प्रदेश कमिटी और एक महीने एक अंदर जिला कमिटियों का गठन कर लिया जाएगा. हम सरकार से मांग करते है कि नगर पालिका के चुनाव पार्टी आधारित हो.

भाजपा पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि बीजेपी ने किसानों का समर्थन करने पर हमारे पूर्व विधायक और छात्र नेताओं पर लाठी चलाई. इन सब के बावजूद हम पूरी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़े हैं.

कोरोना वैक्सीन का जिक्र करते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि पहले केंद्र सरकार कह रही थी कि सभी लोगों को टीके मिलेंगे लेकिन सरकार अब कह रही है कि सभी को टीके नहीं दे सकते हैं. यह उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है.
सत्यम शिवम् दरभंगा

बिहार में फिर मिले कोरोना के 573 नए मरीज, 24 घंटे में 6 लोगों की मौत

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Patna: बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार अब धीमी हो गई है. लेकिन इसके बावजूद भी हर रोज हजारों की संख्या में पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजा अपडेट जारी की गई है. इस अपडेट के मुताबिक बिहार में 573 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 238541 हो गई है. बिहार में फिलहाल 6,145 कोरोना के एक्टिव मरीज है.

राजधानी पटना में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजधानी पटना में एक बार फिर से सबसे ज्यादा 197 नए मामले सामने आये हैं. शनिवार को जारी ताजा अपडेट के मुताबिक बिहार के विभिन्न जिलों से 573 नए मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 238541 हो गया है.

बीते दिन शुक्रवार को जारी नियमित अपडेट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के भीतर 6 व्यक्ति की मौत हुई. इसके साथ ही राज्य में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1287 हो गया है. बिहार के लोगों के लिए ख़ुशी की बात तो ये है कि महज 24 घंटे के भीतर 605 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं. इसके साथ ठीक होने वाले मरीजों की संख्या दो लाख के करीब हो गई. राज्य में अब तक कुल 2,31,108 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.

बिहार ने एक नया रिकार्ड बनाया है. राज्य के अंदर लगभग 97.12 प्रतिशत मरीज से अधिक मरीज अब स्वस्थ हो चुके हैं, जो कि देश में किसी भी अन्य राज्य से ज्यादा है. इतना ही नहीं भारत में कोरोना से ठीक होने वाले के आंकड़े से भी बिहार 10% आगे चल रहा है.

पटना महावीर मंदिर की आस्था से जुड़ा है नैवेद्यम

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पटना के महावीर मंदिर की पहचान के साथ जुड़ चुके नैवेद्यम लड्डू खुशबू भक्तों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता ही है साथ ही साथ इस की एक विशिष्ट पहचान पटना के साथ पूरी तरह जुड़ चुकी है। घी, बेसन, केसर और मेवे से बने प्रसाद ‘नैवेद्यम’ का स्वाद जिसने एक बार लिया, उसे वह ताउम्र याद रखता है। नैवेद्यम और महावीर मदिर का साथ 26 साल का हो चुका है।

महावीर मदिर में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद नैवेद्यम लोगों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। इसके स्वाद, शुद्धता और पवित्रता का हर व्यक्ति कायल है। पिछले 26 वर्षो से इसकी प्रसिद्धि लगातार बढ़ती जा रही है। भक्तजन महावीर मदिर में प्रसाद के रूप में नैवेद्यम चढ़ाने के बाद इसे मिठाई के रूप में घरों में रखते हैं।

कहते हैं, सभी मिठाइयों का स्वाद एक तरफ और भगवान को भोग लगाने के बाद नैवेद्यम का स्वाद एक तरफ।तिरुपति बालाजी से पटना आया प्रसाद.महावीर मदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल बताते हैं कि महावीर मदिर में नैवेद्यम की शुरुआत वर्ष 1993 में हुई। वह कहते हैं, 93 में मैं तिरुपति मदिर दर्शन करने के लिए गया था। उस समय गृह मत्रालय के अधीन अयोध्या में ओएसडी था।

तिरुपति में नैवेद्यम चढ़ाकर प्रसाद ग्रहण किया तो उसका स्वाद काफी पसद आया। उसी समय निर्णय लिया कि पटना जंक्शन स्थित महावीर मदिर में भी इसे प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाएगा। इसके कुछ ही दिनों बाद यहा नैवेद्यम का प्रसाद चढ़ाया जाने लगा।10 फीसद राशि मिलती है कारीगरों को.महावीर मदिर न्यास समिति नैवेद्यम की कुल बिक्री की दस फीसद राशि प्रसाद बनाने वाले कारीगरों को देती है।

यही कारण है कि तिरुपति से आकर कारीगर पटना में काम करने को तैयार हैं। अब तो कारीगरों की दूसरी पीढ़ी भी काम करने आने लगी है।मुजफ्फरपुर भी जाता है नैवेद्यम.पटना के महावीर मदिर में बनने वाला नैवेद्यम राजधानी के विभिन्न मदिरों में चढ़ाये जाने के साथ-साथ मुजफ्फरपुर गरीबनाथ मदिर में भी चढ़ाया जाता है।

राजधानी के बेलीरोड महावीर मदिर एव जल्ला महावीर मदिर में भी नैवेद्यम का प्रसाद चढ़ाया जाता है।प्रसाद के रूप में ही ग्रहण की परंपरा.नैवेद्यम के हर पैकेट पर लिखा रहता है- ‘नैवेद्यम प्रसाद है, इसको बिना भगवान को चढ़ाये खाना मना है।’ ऐसे में महावीर मदिर या अन्य मदिरों से नैवेद्यम खरीदने के बाद भक्तजन पहले इसे प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। इसके बाद ही प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण किया जाता है।

हनुमान मंदिर के अलावा पंचरूपी हनुमान मंदिर बेली रोड, बांस घाट काली मंदिर आदि शहर के प्रमुख मंदिरो में यहां से नैवेद्यम को अन्य जगहों पर भेजा जाता है। मान्यता है कि भगवान को प्रसाद भोग लगाने के बाद ही श्रद्धालु इसका ग्रहण करते है।

प्रसाद के निर्माण करने वाले सारे कारीगर दूसरे राज्यों से आकर भगवान की सेवा प्रसाद बनाने को लेकर कर रहे है। प्रसाद बनाने में सभी कारीगर शुद्धता के साथ-साथ पूरी निष्ठा से बनाते है। हर मौसम में शुद्धता और सफाई का ध्यान रखना इन कारीगरों की पहली प्राथमिकता होती है।

सबसे पहले शुद्ध बेसन से बुंदिया तैयार की जाती है। इसके बाद चीनी की चासनी में डालकर उसे मिलाया जाता है। मिलाने के क्रम में ही बुंदिया के साथ-साथ काजू, किशमिश, इलाइची और केसर मिलाया जाता है। चासनी में बुंदिया का मिश्रण लगभग दो घटे तक होता है। इसके बाद मिश्रण को लड्ड् बाधने वाले प्लेटफॉर्म पर रख दिया जाता है। यहा पर एक साथ 15 से 20 कारीगर खड़े होकर लड्डू बाधते हैं।

यहा बैठकर लड्डू बनाने की परंपरा नहीं है। लड्डू बाधने के बाद उसे 250 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में रखा जाता है। फिर उसे महावीर मदिर भेज दिया जाता है। महावीर मदिर से ही नैवेद्यम कई अन्य मदिरों को भेजा जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा खपत महावीर मदिर में ही होती है।

आचार्य किशोर कुणाल का कहना है कि शुरू में महावीर मदिर में नैवेद्यम पटना डेयरी प्रोजेक्ट के घी से तैयार किया जाता था, लेकिन तिरुपति जैसा स्वाद नहीं आ पाता था। इसके बाद पता किया गया कि आखिर तिरुपति के नैवेद्यम का स्वाद इतना अच्छा क्यों होता है तो पता चला कि वहा पर कर्नाटक की देसी गायों के घी से इसे तैयार किया जाता है।

इसके बाद महावीर मदिर न्यास समिति ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से सपर्क किया। वहा पर नदनी के नाम से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन घी बेचता है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से बातचीत की गई तो वह तिरुपति मदिर को दिए जाने वाले दर पर ही महावीर मदिर को भी घी देने को तैयार हो गया।

यह सस्ता भी पड़ रहा था। यहा का घी 470 रुपये किलो पड़ रहा था, जबकि नदनी घी की कीमत प्रतिकिलो 380 रुपये आती है। महावीर मदिर में वर्तमान में नैवेद्यम 250 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है।

महावीर मदिर द्वारा नैवेद्यम की बिक्री करने से जो लाभ प्राप्त होता है, उससे महावीर कैंसर सस्थान में इलाज कराने वाले गरीब मरीजों की आर्थिक मदद की जाती है। कैंसर के गरीब मरीजों को मदिर की ओर से 10 से 15 हजार रुपये की मदद की जाती है।

18 वर्ष से कम उम्र के सभी मरीजों को 15,000 रुपये अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा सभी मरीजों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है। प्रतिदिन लगभग 1500 लोग भोजन करते हैं। मरीजों के परिजनों को भी अनुदानित दर पर भोजन दिया जाता है।

कैंसर मरीजों को मात्र 100 रुपये प्रति यूनिट खून मुहैया कराया जाता है।नैवेद्यम को तिरुपति के ब्राह्मण पूरी पवित्रता एव शुद्धता के साथ बनाते हैं। इसके लिए राजधानी के बुद्ध मार्ग में एक कारखाना तैयार किया गया है। यहा पर प्रतिदिन 35 ब्राह्मणों द्वारा प्रसाद तैयार किया जाता है।

नैवेद्यम बनाने वाले तिरुपति के कारीगर शेषाद्री का कहना है कि प्रसाद बनाने से पहले सभी कारीगर रात दो बजे से ही जुट जाते हैं। सभी स्नान के बाद साफ किये हुए कपड़ों को धारण करते हैं।

पटना का महावीर मंदिर

बिहार की राजधानी पटना के हृदयस्थली अवस्थित उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध मंदिर है।सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में रामनवमी के दिन अयोध्या की हनुमानगढ़ी के बाद सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ती है।

इस मंदिर में आकर शीश नवाने से भक्तों की मनोकामना पूर्ति होती है। इस मंदिर को हर दिन लगभग एक लाख रुपये की राशि विभिन्न मदों से प्राप्त होती है। इस मंदिर को 1730 इस्वी में स्वामी बालानंद ने स्थापित किया था। साल 1900 तक यह मंदिर रामानंद संप्रदाय के अधीन था।

इसके बाद इसपर 1948 तक इसपर गोसाईं संन्यासियों का कब्जा रहा। साल 1948 में पटना हाइकोर्ट ने इसे सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया। उसके बाद आचार्य किशोर कुणाल के प्रयास से साल 1983 से 1985 के बीच वर्तमान मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और आज इस भव्य मंदिर के द्वार सबके लिए खुले हैं।

इस मंदिर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर है और मंदिर के गर्भगृह में भगवान हनुमान की मूर्तियां हैं। इस मंदिर में सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। यहां की एक खास बात यह है कि यहां रामसेतु का पत्थर कांच के बरतन में रखा हुआ है। इस पत्थर का वजन 15 किलो है और यह पत्थर पानी में तैरता रहता है।

यह मंदिर बाकी हनुमान मंदिरो से कुछ अलग है, क्योंकि यहां बजरंग बली की युग्म मूर्तियां एक साथ हैं। एक मूर्ति परित्राणाय साधूनाम् अर्थात अच्छे लोगों के कारज पूर्ण करने वाली है और दूसरी मूर्ति- विनाशाय च दुष्कृताम्बु, अर्थात बुरे लोगों की बुराई दूर करने वाली है।

यह मंदिर पटना रेलवे स्टेशन से निकल कर उत्तर दिशा की ओर स्थित है| प्रसिद्ध महावीर मंदिर पटना जंक्शन परिसर से सटे ही बना हुआ है। मंदिर प्राचीन है, जिसे 80 के दशक में नया रंग-रूप दिया गया। पटना आने वाले श्रद्धालु यहां सिर नवाना नहीं भूलते। लाखों तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं।

यहां मंगलवार और शन‌िवार के द‌िन सबसे अध‌िक संख्या में भक्त जुटते हैं। यहां हनुमान जी को घी के लड्डू, नैवेद्यम का भोग लगाया जाता है, ज‌िसे तिरुपति के कारीगर तैयार करते हैं। हर द‌िन यहां करीब 25,000 लड्डूओं की ब‌िक्री होती है।

महावीर मंद‌िर ट्रस्ट के अनुसार इन लड्डूओं से जो पैसा आता है वह महावीर कैंसर संस्‍थान में उन मरीजों पर खर्च क‌िया जाता है जो आर्थ‌िक रूप से कमजोर हैं और कैंसर का इलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं।

पटना पुलिस ने ठग को किया गिरफ्तार, नोट के बंडल में कागज डालकर लगाता था चूना

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Patna: पटना पुलिस ने ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है. दो ठग दो लाख रुपये की नोट की गड्डी बना कर ऊपर असली नोट और नीचे सादा कागज रख कर भोले भाले लोगों की कमाई को लूटने का काम कर रहे थे. यह मामला पटना सिटी के चौक थाना क्षेत्र के मोर्चा रोड इलाके में स्थित पंजाब नैशनल बैंक का है.

एक फरार

जिसमें एक व्यक्ति ठगी का शिकार हो गया. पीड़ित व्यक्ति ने इस मामले में पुलिस को सूचना दी. जहां पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उस ठग को दो लाख के नकली नोट बंडल के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को देख कर गिरोह का एक अन्य सदस्य मौके से फरार हो गया.

भागलपुर का रहने वाला है ठग

पुलिस ने गिरफ्तार ठग की पहचान भागलपुर रहने वाले राकेश कुमार के रूप में किया. जो अपने एक और साथी के साथ होटल में ठहरा हुआ था और पटना सिटी के बैंकों में जाकर लोगों को ठगने का काम कर रहा था. पुलिस ने बताया कि ठग राकेश और उसके साथी पंजाब नैशनल बैक में नोट का बंडल दिखा कर बैंक में एक व्यक्ति को ठगने का काम कर रहा था. ठग ने बैंक उपभोगता को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि इस बैंक में उसका खाता नहीं है और उसे जरूरी काम से बाहर जाना है. ऐसे में इतनी मोटी रकम लेकर बाहर जाना खतरे से खाली नहीं है. इसलिए आप के खाते में जमा करा देता हूं फिलहाल इसके बदले में 40 हजार रुपया दे दे और लौट कर आने पर कमीसन काट कर मेरा बचा हुआ रुपया बापस दे देंगे. इस झांसे में आकर वह व्यक्ति 40 हजार रुपया दे रहा था कि उसकी नजर कागज के नोट बना बंडल पर पड़ा तो देने में असमर्थ जताई. लेकिन ठग ने झांसे में लेकर जल्द 40 हजार रुपया देने की बात कही. जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने नकली नोट के नकली बंडल के साथ उसे गिरफ्तार किया. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार ठग से कड़ी पूछताछ कर रही है और फरार ठग की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.

परिवहन मंत्री शीला मंडल के खिलाफ मामला दर्ज, बाबू वीर कुंवर सिंह पर की थी गलत टिप्पणी

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Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार मंत्री बनीं जेडीयू की शीला मंडल मुसीबत में फंसती हुई नजर आ रही हैं. स्वतंत्रता सेनानी बाबूवीर कुंवर सिंह पर उन्होंने बीते दिन गलत बयानबाजी की, जिसको लेकर सासाराम में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.

बिहार सरकार में परिवहन मंत्री शीला मंडल के खिलाफ सासाराम कोर्ट में भैसही गांव के रहने वाले अखिलेश कुमार ने परिवाद पत्र दर्ज कराया है. परिवहन मंत्री शीला मंडल ने सीतामढ़ी में गुरुवार को शीला मंडल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि “एक हाथ कट जाने पर राजपूतों के वीर कुंवर सिंह की इतनी वाहवाही हुई कि आज सभी लोग उनको जानते हैं। किताबों में उनके बारे में पढ़ाया जाता है, लेकिन सीतामढ़ी के शहीद रामफल मंडल को कोई नहीं जानता.”

आपको बता दें कि नीतीश सरकार में मंत्री शीला मंडल ने इस मामले को जाति से जोड़ते हुए यह भी कहा कि “रामफल मंडल शहीद हुए, अपनी जान की कुर्बानी दी लेकिन उनको उतना सम्मान नहीं मिला, जितना वीर कुंवर सिंह को मिला. इतना ही नहीं शीला मंडल ने सीतामढ़ी में यह भी कहा था कि “अति पिछड़ा जाति के लोगों के गुणों को दबा दिया जाता था. मुझे रामफल मंडल के परिवार को देखकर दुख होता है. यदि वे दूसरे वर्ग से होते तो आज इनके भी बच्चे बड़े-बड़े पदों पर होते.”

मंत्री शीला मंडल के इस बयान के बाद राजनीतिक दलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी. जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है और कहा है कि मेरा उदेश्य किसी ठेंस पहुंचना नहीं था. उन्होंने कहा कि “मैंने शहीद रामफल मंडल के आवास पर वीर कुंवर सिंह के बारे में बयान दिया था. उस बयान पर आपत्ति आई है, जबकि मेरा इरादा कहीं से भी किन्ही के भावनओं को ठेंस पहुंचाने का नहीं था. मेरे दिल में वीर कुंवर सिंह के प्रति असीम श्रद्धा है. मेरे उस बयान से जिनकी भी भावना को ठेंस पहुंची है, उनके लिए मैं खेद प्रकट करती हूं.”

बिहार में सियासी हलचल ले सकता है बड़ा आकार जब तक रहेगी नीतीश की सरकार:- बाबा-भागलपुर

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भागलपुर, बिहार। बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू का इस वर्ष बेहद ही खराब प्रदर्शन रहा है। उसके बावजूद कूटनीति के तहत नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हो गये। इस सम्बन्ध में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग्य शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पंo आरo केo चौंधरी उर्फ बाबा-भागलपुर की भविष्यवाणी जो जून 2018 से 06 अगस्त 2018 तक कई हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी, जिसका शीर्षक:- नीतीश कुमार को करना पड़ेगा संघर्ष का सामना! यह भविष्यवाणी शत-प्रतिशत तो सही साबित नहीं हुई लेकिन बहुत हद तक सही साबित हो रही है।

क्योंकि नीतीश कुमार को बिहार में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और राजनैतिक पराजय भी हुई उसके बावजूद कूटनीति व भाजपा की सियासी चाल के बजह से बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर विराजित तो हो गये हैं लेकिन कार्यकाल पूर्ण करना आसान नहीं प्रतीत नहीं हो रहा है। शपथ-ग्रहण के बाद से ही संकट की घड़ी की शुरुआत हो गई है। बाबा-भागलपुर की भविष्यवाणी के मद्देनजर नीतीश कुमार को करना पड़ रहा है संघर्ष का सामना।

फलस्वरूप बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने पद से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने 19 नवम्बर 2020 (गुरुवार) को ही अपना कार्यभार संभाला था तथा उसी दिन कुछ घण्टों बाद त्याग-पत्र दे दिया। बाबा-भागलपुर से सम्पर्क स्थापित करने पर उन्होंने ज्योतिषीय दृष्टि कोण से बतलाया कि बिहार प्रदेश की मिथुन राशि और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिथुन लग्न राहु-केतु व शनि के प्रतिकूल प्रभाव में हैं। इसलिए बिहार में सियासी हलचल ले सकता है बड़ा आकार।

इस सन्दर्भ में बाबा-भागलपुर ने नीतीश कुमार के शपथ-ग्रहण के मुहूर्तानुसार भविष्यवाणी की जो कई हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों प्रकाशित हुई। आईये जानते हैं यह भविष्यवाणी! नीतीश सरकार का शपथ-ग्रहण के समय आकाश मंडल में ग्रहों की स्थिति के अवलोकनोपरान्त ज्ञात हो रहा है कि मेष लग्न, वृश्चिक के चन्द्र व वृश्चिक नवांश।

मेष लग्न में प्रबल कारक ग्रह सूर्य अष्टम स्थान में अवस्थित होकर राहु-केतु से पीड़ित है तथा सप्तम स्थान में बुध विराजित है और सप्तमेश शुक्र रिपु भाव में अवस्थित है। इन दो ग्रहों पर मंगल ग्रह की पूर्ण दृष्टि है जो द्वादश भाव मे विराजित है। सातवाँ घर साझेदारी का होता है और इससे ही ज्ञात हो रहा है कि एनडीए गठबंधन यथा भाजपा, जदयू, हम और वीआईपी पार्टियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और ग्रहों की स्थिति चौकड़ी पर पृथक भूमिका निभाएगा और ये शीघ्र दरार बनकर टूट सकता है।

अष्टम स्थान में तीन ग्रहों की युति अत्यंत प्रतिकूल है। इसलिए बिहार की नवनिर्मित नीतीश सरकार की आयु को ज्योतिषीय भाषा में अल्पायु कह सकते हैं। द्वितीयेश शुक्र-मंगल से व पंचमेश सूर्य-राहु से पीड़ित है। यह स्थिति नीतीश सरकार से गलत निर्णय होने की ओर इशारा कर रहा है। सरकार के लिए विस्फोटक स्थिति को दर्शाता है तथा जनता के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है और सरकार अपने किये वादों को पूरा नहीं कर पाएगी।

अतः आकाश मंडल में ग्रहों की स्थिति व गोचर तथा नीतीश सरकार की शपथ-ग्रहण समारोह की कुण्डली के अवलोकनोपरान्त ज्ञात हो रहा है कि नीतीश सरकार को असाधारण, आकस्मिक व आश्चर्यजनक परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है तथा निकट भविष्य में भ्राम से गिर सकती है सरकार तथा भाजपा की रणनीति ने तोड़ी नीतीश-सुशील की जोड़ी फिर भी मंसूबे पर फिर सकती है पानी।

कोरोना काल के बीच शुरू हुआ बक्सर का पंचकोशी मेला, 9 दिसंबर को खाया जाएगा लिट्टी चोखा

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Patna: बक्सर का नाम सुनते ही लोगों के मन में ऐतिहासिक शहर की छवि उभरती है. चाहे वह भगवान श्रीराम की यात्रा, राक्षसी ताड़का का वध हो या बक्सर की 1764 की लड़ाई. इसी कड़ी में सैकड़ों सालों से बक्सर में पंचकोशी मेला लगता है. इस मेले में पांच दिन अलग-अलग गांवों की यात्रा होती है. अलग-अलग जगहों पर हर दिन परंपरा के अनुसार अलग-अलग किस्म का खाना खाया जाता है. बिहार के साथ यूपी और पूरे देश से साधू-संत और लोग इस यात्रा में शामिल होते है. कोरोना संकट के इस साल में आज से बक्सर पंचकोशी मेला शुरू हुई. पंचकोश महोत्सव के अंतिम दिन विश्व प्रसिद्ध लिट्टी-चोखा महोत्सव का आयोजन इस साल 09 दिसम्बर को होगा. यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है. इसी का निर्वहन करते हुए आज से पंचकोशी यात्रा शुरू हो गई. इस यात्रा के दौरान अहिरौली, नदांव, भभुवर, बड़का नुआंव तथा अंतिम पड़ाव के दिन नौ तारीख को चरित्रवन में लिट्टी-चोखा का प्रसाद ग्रहण कर पूरा करेंगे. हालांकि कोरोना संक्रमण को लेकर कल्पवास की व्यवस्था इस बार नहीं रहेगी.

पहली यात्रा: पंचकोशी यात्रा के पहले दिन सुबह रामरेखा घाट पर स्नान करके पहले पड़ाव स्थल अहिरौली पहुंचने के बाद लोग वहां अहिल्या के आश्रम में लोगों ने जलाभिषेक कर उनका दर्शन किया. मान्यताओं के अनुसार भक्तों ने श्रद्धा के साथ पुआ-पूड़ी के अलावे पकौड़ा खाया और एक दूसरे को प्रसाद के रूप में ग्रहण कराए.

दूसरी यात्रा: पंचकोश मेले का दूसरा पड़ाव नदांव में होता है. जहां कभी नारद मुनी का आश्रम हुआ करता था. आज भी इस गांव में नर्वदेश्वर महादेव का मंदिर और नारद सरोवर है. यहां आने वाले श्रद्धालु खिचड़ी चोखा बनाकर खाते हैं. ऐसा माना ताजा है कि नारद आश्रम में भगवान राम और लक्ष्मण जी का स्वागत यहां खिचड़ी चोखा से किया गया था

तीसरी यात्रा: श्रद्धालुओं भभुअर गांव में भार्गव ऋषि के आश्रम पर स्थित भार्गेश्वर महादेव की पूजा अर्चना करते है. यहां पर खाने में यहां पर चूड़ा दही खाया जाता है और लोगों को प्रसाद स्वरुप इसको दिया जाता हैं.

चौथी यात्रा: नुआंव गांव में चौथा यात्रा होता है. यहा पर लोग उद्वालक ऋषि के आश्रम पर लोग अन्य पकवान के साथ सत्तु और मुल्ली का सेवन करते है.

पांचवी यात्रा: पंचकोश मेले का समापन चरित्रवन में होता है, जहां विश्वामित्र मुनी के आश्रम में लोग लिट्टी चोखा बनाकर खाते हैं. बक्सर के किले मैदान में हजारों लोग एक साथ गोइठा पर लिट्‌टी चोखा बनाकर एक साथ खाते है.

मेले को भगवान श्रीराम की यात्रा से जोड़ा जाता है

कहा जाता है कि मेला त्रेतायुग से तब प्रारंभ हुआ जब महर्षि विश्वामित्र अयोध्या से श्री राम और लक्ष्मण जी को लाए और उनके द्वारा इस बक्सर जिले को ताड़का राक्षसी व मारीच, सुबाहु के आतंक से सिद्धाश्रम को मुक्त कराया. इसी दौरान भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने साधु संतों के मंडली के साथ परिक्रमा किए. इस दौरान भक्तों ने पकवान वगैरह से उनका स्वागत किया था.

कोहरा शुरू होते ही दरभंगा एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंडिंग में परेशानी, डाइवर्ट हो रही फ्लाइट

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Darbhanga: लंबे इंतजार के बाद दरभंगा में एयरपोर्ट की शुरुआत 8 नवंबर को हुई थी. विमान सेवा शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस लेते हुए सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था लेकिन अब कोहरे की मार ने दरभंगा एयरपोर्ट से विमान सेवा चालू रखने पर ग्रहण लगा दिया है. दरभंगा एयरपोर्ट पर कुहासे के कारण फ्लाइट लैंडिंग में परेशानी हो रही है, जिसकी वजह से फ्लाइट को डाइवर्ट करना पड़ रहा है. दरभंगा एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम और डीवीओआर सिस्टम के अलावे रनवे पर लाइटिंग और ग्राउंड लाइटिंग नहीं है जिसकी वजह से परेशानी हो रही है.

बता दें कि बीते बुधवार को भी मुम्बई से दरभंगा आनेवाली विमान पटना में लैंड हुई थी. शुक्रवार को मुम्बई व बंगलुरु के लिए फ्लाइट कैंसिल हो गई थी. दरभंगा और इसके आसपास के 12 जिलों के लोग पहले से बुक करवाए गए टिकट के आधार पर फ्लाइट पकड़ने तो आ रहे हैं, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसके कैंसिल हो जाने से निराश होकर वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं.

इसके अलावा एयरपोर्ट पर रनवे लाइटिंग व ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था नहीं है. बिगड़ते मौसम की वजह से फ्लाइट के कैंसल होने से उन लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है जो दरभंगा के अलावा अन्य जिलों से फ्लाइट में सफ़र करने के उद्देश्य से आते हैं.

महागठबंधन के नेताओं ने तेजस्वी के नेतृत्व में गांधी मैदान के गेट पर दिया धरना

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Patna: तेजस्वी यादव के नेतृत्व में कृषि बिल के विरोध में आज महागठबंधन के नेताओं ने गांधी मैदान के गेट पर धरना दिया. इसके बाद महागठबंधन के नेताओं ने शपथ लिया. तेजस्वी यादव और महागठबंधन के नेताओं ने शपथ लिया कि जब तक केंद्र सरकार काले कानून को वापस नहीं लेता है तब तक महागठबंधन किसानों की हितों की रक्षा के लिए उनके साथ खड़ी रहेगी.

नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए तेजस्वी यादव भी धरना में शामिल होने के लिए गांधी मैदान के गेट पर पहुंचे हुए थे. उनके साथ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और अजीत शर्मा समेत कई नेता मौजूद रहे.

रोक सको तो रोक लो

तेजस्वी यादव ने गांधी मैदान जाने से पहले कहा कि ‘’गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति को क़ैद कर लिया, ताकि गांधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गांधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके. नीतीश जी,वहां पहुंच रहा हूं। रोक सको तो रोक लीजिए.’’

गेट पर धरना

गांधी मैदान के अंदर जिला प्रशासन ने धरना की अनुमति नहीं दी. जो अंदर गए थे. उनको पुुलिस ने बाहर निकाल दिया. जिसके बाद महागठबंधन के नेता और कार्यकर्ता गेट पर ही धरना पर बैठ गए हैं. केंद्र सरकार और बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. किसान विरोधी कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

किसानों के साथ धोखा

इसको लेकर तेजस्वी यादव ने कल कहा था कि अगर नए कृषि विधेयक किसानों के पक्ष में है तो सरकार MSP को अनिवार्य रूप से लागू क्यों नहीं करती ? हम पूर्णत: किसानों के साथ खड़े है, आगे भी रहेंगे. किसानों को फसल का उचित दाम और न्याय दिलाने के लिए कल सुबह 10 बजे से गांधी मैदान पटना में गांधी मूर्ति के सामने संकल्प लेंगे. तेजस्वी ने कहा कि तेल, रेल, हवाई जहाज, हवाई अड्डे, बंदरगाह, बीएसएनएल, एलआईसी बेचने के बाद भाजपा सरकार अब किसानों की ज़मीन भी पूंजीपतियों के हाथों बेचने पर तुली है. मोदी सरकार कृषि क्षेत्र का भी निजीकरण करने को आतुर है.