सृजन घोटाला: जब्त होगी मुख्य आरोपी अमित और रजनी प्रिया की सम्पत्ति

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Desk: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला (Bihar Srijan Scam) के मुख्य आरोपी अमित कुमार एवं रजनी प्रिया की सम्पत्ति जब्त होगी. इसके लिए सदर एसडीओ ने आदेश निकालते हुए नाथनगर, सबौर और जगदीशपुर के सीओ की मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्ति का आदेश निकाला है. गुरुवार को होने वाली कार्रवाई के लिए तीन मजिस्ट्रेट के अलावे 7 थाना कोतवाली, तिलकामांझी, इशाकचक, जोगसर, सबौर, नाथनगर और औद्योगिक प्रक्षेत्र के थानेदार को निर्देशित किया गया है कि संबंधित सम्पत्ति जब्त होने के बाद सभी रिसीवर के रूप में मौजूद रहेंगे.

सीबीआई स्पेशल कोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन यह कार्रवाई करेगी. इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. जब्त सभी सामानों की इन्वेंट्री तैयार कर सीबीआई को सौंप दी जाएगी. सदर एसडीओ आशीष नारायण की ओर से निकाले गये आदेश में जिन पंद्रह स्थानों पर सम्पत्ति जब्त की जायेगी उनमें खलीफाबाग स्थित सुशीला शर्मा से 24 नवम्बर 2009 को खरीदी गयी दुकान, बरहपुरा वार्ड संख्या-33 में मेराज खान से खरीदी गयी 3.908 डिसमिल जमीन, सबौर के फतेहपुर में 6 जुलाई 2011 को पीके घोष से अंगिका विहार बिल्डिंग में फ्लैट, सबौर के फतेहपुर में जीरो माइल के जावेद वासनेय से 12 नवम्बर 2011 को खरीदी गई 4.5 डिसमिल जमीन और 22 जुलाई 2014 को खरीदी गई 2.852 डिसमिल जमीन. खलीफाबाग वार्ड नम्बर-20 में 7 नवम्बर 2011 को खरीदी गयी 907.5 वर्ग फीट जमीन, खलीफाबाग के सत्यदेव प्रसाद सिंह से 7 नवम्बर 2014 को खरीदी गई वार्ड संख्या-20 की 2.466 डिसमिल जमीन, नाथनगर के दोगच्छी में 9 फरवरी 2015 को भुवनेश्वर यादव से खरीदी गयी 11.75 डिसमिल जमीन, गायत्री होम्स इंडिया के कौशल किशोर सिन्हा से 28 अगस्त 2015 को खरीद गया फ्लैट, सबौर के फतेहपुर के शमीम से 16 फरवरी 2016 को खरीदी गई 3.8755 डिसमिल जमीन, सबौर के फतेहपुर में 16 फरवरी 2016 को अभिषेक कुमार से खरीदी गई 9.4093 डिसमिल जमीन, 6 अगस्त 2011 को सहदेव यादव से विक्रमशिला कॉलोनी में खरीदा गया मकान, 11 मई 2012 को बनवारी साह से वार्ड संख्या-33 में खरीदी गयी जमीन, 26 अगस्त 2013 को पिंकी कुमारी से सबौर में खरीदी गई 10.90 डिसमिल जमीन सहित 4 मार्च 2015 को सृजन के कर्ता धर्ता एवं संस्थापक रही मनोरम देवी की ओर से बेटे और बहू को वार्ड संख्या-33 में गिफ्टेड 3.312 डिसमिल जमीन पर बना मकान भी शामिल है.

सात साल में बनी है संपत्तियां

यहां सबसे बड़ी बात जब्ती के लिए जो 15 संपत्तियों की सूचि है वे सभी सम्पत्तियां 2009 से 2016 तक की हैं. आपको बता दें कि सीबीआई के सब इंस्पेक्टर दिवेश कुमार ने 1 अक्टूबर को डीएम प्रणव कुमार को पत्र भेजा था, जिसमें सीबीआई के स्पेशल कोर्ट का हवाला देते हुए दोनों मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया की सम्पत्ति को जब्त करने को कहा गया था. सीबीआई के सब इंस्पेक्टर के पत्र के आलोक में डीएम ने एसएसपी और सदर एसडीओ को इस दिशा में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, जिसको लेकर अब पहल की गई है.

मुख्य आरोपी अभी भी फरार

सृजन घोटाला के उजागर हुए साढ़े तीन साल से अधिक समय हो जाने के बाद भी मुख्य आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया का सुराग लगा पाने में सीबीआई पूरी तरह विफल रही है. गौरतलब हो कि विभिन्न योजनाओं की करोड़ों रुपये की सरकारी राशि का अवैध हस्तांतरण सरकारी अधिकारियों, बैंककर्मियों और बिचौलियों के माध्यम से सृजन महिला विकास सहयोग समिति में जमा हो जाता था और इन सरकारी राशियों का इस्तेमाल सृजन के माध्यम से गैर सरकारी कार्यों में किया जाता रहा और इसमें सरकारी बाबू और अधिकारी से लेकर नेता तक लाभान्वित होते रहे.

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