Patna: तिहाड़ जेल (Tihar jai) में सजा काट रहे बिहार के बाहुबली कहे जाने वाले पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammad shahabuddin) की पैरोल मंजूर हो गई. इसके मुताबिक वे तीन दिन तक जब चाहें अपनी मर्जी के मुताबिक अपने परिवार से मिल सकेंगे. यह मुलाकात दिल्‍ली में होगी. हर दिन की मुलाकात केवल 30 मिनट के लिए होगी. वे चाहें तो लगातार तीन दिन या फिर अलग-अलग दिन में भी मुलाकात कर सकते हैं. मुलाकात का ठिकाना एक ही रहेगा और वह भी दिल्ली में ही. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि जब उन्हें पैरोल मिल गई तो फिर बिहार आने की इजाजत क्यों नहीं दी गई?

दरअसल मीडिया में जो खबरें सामने आ रही हैं इसके अनुसार मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार में लाने के बाद उनकी न्‍यायिक हिरासत और सुरक्षा की गारंटी लेने के लिए न तो बिहार की सरकार और न ही दिल्‍ली पुलिस तैयार हुई. जाहिर है बिहार की नीतीश सरकार के इनकार और दिल्ली सरकार की मनाही के बाद शहाबुद्दीन के लिए बिहार आने की इजाजत नहीं दी गई.

बता दें कि राजद के बड़े नेता और सिवान के पूर्व सांसद बाहुबली शहाबुद्दीन ने अपने परिवार से मिलने के लिए कोर्ट से पैरोल मंजूर करने का आग्रह किया था. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बिहार सरकार और दिल्‍ली पुलिस की राय जानने के बाद राजद नेता की पैरोल मंजूर तो कर ली है, लेकिन उन्‍हें बिहार आने की इजाजत नहीं दी गई. उनके पैराेल के साथ कई शर्तें जोड़ी गई हैं.

बता दें कि बाहुबली नेता के पिता का निधन 19 सितंबर को हो गया था. इसके बाद वह अपनी मां और अन्‍य स्‍वजनों से मिलना चाहते थे. उन्‍होंने अर्जी लगाई थी कि उनकी मां आजकल बहुत अच्‍छी हालत में नहीं हैं और वे उनसे मिलना चाहते हैं. कोर्ट ने उन्‍हें तीन दिन की पैराेल दी है, लेकिन हर दिन वे केवल आधे घंटे के लिए ही अपने परिवार से मिल सकेंगे.

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