बृहस्पति-शुक्र अस्त, मांगलिक कार्य बन्द और दुनिया त्रस्त:- बाबा-भागलपुर

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भागलपुर, बिहार। 17 जनवरी से 13 फरवरी 2021 तक गुरु का तारा अस्त और 14 फरवरी से 18 अप्रैल 2021 तक शुक्र का तारा अस्त होने की वजह से समय अशुद्ध रहेगा। इस दौरान मीन मास यानी खरमास14 मार्च से 13 अप्रैल 2021 तक एवं होलाष्टक 22 मार्च से 28 मार्च 2021 तक रहेगा।

इस सम्बन्ध में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पं. आर. के. चौधरी उर्फ बाबा-भागलपुर, भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने सुगमतापूर्वक बतलाया कि:- वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह का अस्त होना एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।

प्रति वर्ष, कुछ दिनों के लिये आकाश में कोई-कोई ग्रह दिखायी नहीं देता है क्योंकि वह सूर्य के अत्यन्त समीप आ जाता है। तब वह ग्रह अस्त हो जाता है। यह स्थिति ग्रहों के शुभ प्रभाव में कमी का कारण बन जाती है और शुभ फलों की प्राप्ति में अचड़नों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शुभ कार्यों का परिणाम शीघ्रता से प्राप्त नहीं होता है। इसलिए लगभग सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों के संपादन में बृहस्पति और शुक्र ग्रहों का लोप होना विशेष रूप से निषेध माना गया है।

बृहस्पति के अस्त हो जाने से शिक्षा एवं ज्ञान से जुड़े लोगों पर भी सामान्यतया विपरीत प्रभाव पड़ेगा। देश-दुनिया में हलचल बढेगी, आपसी कलह और वैमनस्यता तथा मंदी के दौर से सम्पूर्ण दुनिया को गुजरना पड़ सकता है। आमजनों को महँगाईयों से जूझना पड़ सकता है वहीं विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों व शोध सम्बन्धित कार्यो में रूकावट व बाधायें हो सकती है।

साथ ही सौंदर्य के कारक शुक्र ग्रह के अस्त होने से फिल्मी दुनिया एवं कलात्मक कार्य से जुड़े लोगों पर विशेष कुप्रभाव पड़ेगा और दुःखद घटनाओं का सामना करना पड़ सकता तथा महिला जनित समस्याओं में उभार आएगा। देश-दुनिया को विभिन्न प्रकार की परेशानियों और असमंजस स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

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