Desk: 8 दिसंबर को भारत बंद है। कृषि बिल के खिलाफ सभी लेफ्ट पार्टियों के साथ ही राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतरेंगे। ऐसे में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है। बंद को सफल बनाने के लिए सबसे ज्यादा जोर सड़क और रेल मार्ग को अवरुद्ध करने को लेकर होगा। लेफ्ट पार्टियों के किसान संगठन और कांग्रेस के किसान संगठन ने पटना में बैठक कर बंद को प्रभावी बनाने की रणनीति तय की है।

किस रूट पर कौन-सी पार्टी संभालेगी मोर्चा

भाकपा माले पटना, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, जहानाबाद, गया, अरवल, नालंदा, सीवान, गोपालगंज, पश्चिमी और पूर्व चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, जमुई, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा आदि शहरों में बंद को प्रभावी बनाने के लिए ग्रास रूट स्तर पर काम कर रहा है। पार्टी के विधायकों सहित संगठन से जुड़े अन्य नेताओं-कार्यकर्ताओं को भी एक्टिव कर दिया गया है।

राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते हैं कि राजद का प्रभाव पूरे बिहार में है और इस लिहाज से बिहार के सभी जिलों में हमारे कार्यकर्ता एक्टिव रहेंगे। अनिवार्य सेवाओं को मुक्त रखा जाएगा। राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने अपने जिलाध्यक्षों को पत्र जारी कर कहा है कि राजद किसानों के संघर्ष के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। राज्य से लेकर पंचायत स्तर तक के कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे भारत बंद को सफल बनाने में सक्रिय और अग्रणी भूमिका निभाएं।

भाकपा माले के साथ ही राजद और कांग्रेस का भी समर्थन किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए बंद को लेकर है। माले की रणनीति ही रहती है कि वह पहले NH को बंद करता है। इसलिए पटना से जुड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़कें तय रूप से प्रभावित होंगी। इसमें NH 30- पटना- बख्तियारपुर, NH 30 A- फतुहा से नालंदा के साथ ही पटना- गया और पटना-बख्तियारपुर स्टेट हाइवे के भी प्रभावित होने की आशंका है। माले के राज्य सचिव कुणाल कहते हैं कि जरूरी सेवाएं मुक्त रहेंगी।

NH बाधित होने से लंबी दूरी की यात्रा मुश्किल

NH को बाधित किए जाने के बाद लंबी दूरी की यात्रा करने वाली बसें नहीं चल पाएंगी। पटना से बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़ आदि के लिए चलने वाली बसें भी प्रभावित हो सकती हैं। पटना में 120 लोकल बसें चलती हैं और लंबी दूरी के लिए 200 बसें यहां से खुलती हैं। भारत बंद के दौरान इनके परिचालन पर असर पड़ना तय है।

7, 8 और 11 दिसंबर को शादी का लग्न भी होगा प्रभावित

8 तारीख को भारत बंद है। इससे एक दिन पहले 7 तारीख को शादी का तेज लग्न है। भारत बंद के कारण 8 तारीख के दिन तो गाड़ियों की आवाजाही पर असर पड़ेगा ही, उसके एक दिन पहले जो बारात रवाना होगी, उसकी वापसी मुश्किल होगी। हालांकि बस चालकों ने बताया कि 7, 8 और 11 दिसंबर को शादी का तेज लग्न है, इसलिए इस दिन वे बसें चलाएंगे। अगर रास्ते में रोका गया तो देखा जाएगा। अभय सिंह बताते हैं कि बसें नहीं चलाने का कोई निर्देश सरकार की ओर से और ट्रांसपोर्ट फेडरेशन की ओर से नहीं है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि सरकारी बसें 8 दिसंबर को भी चलेंगी।

रेल रूटों पर भी व्यापक असर की संभावना

8 तारीख के भारत बंद को सफल बनाने के लिए जगह-जगह रेल पटरियों पर बैनर लगाकर ट्रेनों का आवागमन ठप किया जा सकता है। पटना, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, जहानाबाद, गया और बेगूसराय की तरफ रेल रूटों को अवरुद्ध किया जा सकता है। लंबी दूरी के अलावा पैसेंजर गाड़ियों को भी रोका जा सकता है। इससे यात्रियों को भारी फजीहत उठानी पड़ सकती है।

सुबह से ही बाजार बंद कराने की कोशिश, मॉल भी होंगे प्रभावित

भारत बंद को प्रभावी बनाने के लिए विपक्षी पार्टियां प्रखंड स्तर पर रणनीति बना रही हैं। हर जिले में सुबह से ही वे बाजार बंद कराने की कोशिश कराएंगे। राजधानी पटना में बंद का असर शॉपिंग मॉल पर व्यापक रूप से दिखेगा। चूंकि भारत बंद में लेफ्ट के साथ-साथ राजद भी पूरे दम-खम के साथ सड़क पर उतरेगा इसलिए जरूरी काम से ही लोग बाहर निकलेंगे। ऐसे में शॉपिंग मॉल पर इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है।

सुबह 8 बजे से ही झंडा-बैनर के साथ सड़क पर उतरेगा विपक्ष

जानकारी के अनुसार भारत बंद को सफल बनाने के लिए सुबह 8 बजे से ही गतिविधि शुरू हो जाएगी। विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता झंडा-बैनर के साथ सड़कों पर दिखने शुरू हो जाएंगे। राजधानी पटना में बुद्धा स्मृति पार्क से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर के साथ मुख्य मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च दिन के 11 बजे निकाला जाएगा।

कहीं गांधी मैदान का गुस्सा न फूट पड़े

5 तारीख को राजद का गांधी मैदान में धरना का कार्यक्रम तय था। ऐन वक्त पर प्रशासन ने गांधी मैदान में धरने की अनुमति नहीं दी। तेजस्वी यादव जब गांधी मूर्ति के पास धरने को संबोधित किए तो बिना अनुमति अंदर घुसने और कोरोना नियम तोड़ने के आरोप में तेजस्वी समेत 18 प्रमुख नेताओं पर नामजद FIR दर्ज करा दी गई। आशंका है कि इस घटना के कारण 8 तारीख के भारत बंद में राजद का उग्र रूप दिख सकता है।

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