Desk: आयुर्वेद स्‍नातक चिकित्‍सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA, आइएमए) से जुड़े डॉक्‍टर आज हड़ताल पर हैं। आइएमए एलोपैथी से जुड़े डाॅक्‍टरों की संस्‍था है। आइएमए का कहना है कि आयुर्वेद चिकित्‍सकों (वैद्य) को सर्जरी के लिए समुचित प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है।

इसलिए उन्‍हें सर्जरी के लिए अनुमति देने का फैसला गलत है। केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में आइएमए से जुड़े डॉक्‍टरों ने आज पूरे बिहार के अस्‍पतालों में खुद को ओपीडी सेवा से अलग रखा है, हालांकि इमरजेंसी विभाग में गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

इस हड़ताल का असर राजधानी पटना सहित बक्‍सर, आरा, सासाराम, कैमूर, छपरा, गोपालगंज, सिवान, वैशाली, बेगूसराय, जहानाबाद, बिहारशरीफ, अरवल, गया, जमुई, लखीसराय सहित प्रदेश के सभी जिलों में देखा जा रहा है। हालांकि निजी अस्‍पतालों में हड़ताल का अधिक असर नहीं दिख रहा है। ज्‍यादातर निजी अस्‍पतालों में सेवाएं रोजाना की तरह मिलती रहीं।

पीएमसीएच में ओपीडी बंद, आइजीआइएमएस में हो रहा इलाज

आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुबह 6:00 बजे से कार्य बहिष्कार जारी है। आइएमए ने कार्य बहिष्कार को 100 फीसद सफल बताया है। आइएमए की एक टीम ने पीएमसीएच में डॉक्टरों को ओपीडी से निकाल कर कार्य बंद करा दिया है, जबकि आइजीआइएमएस में ओपीडी निर्बाध रूप से चल रही है।

एनएमसीएच में ओपीडी में इलाज प्रभावित रहा। फतुहा, मनेर और धनरुआ के सरकारी चिकित्‍सालय में मरीजों का इलाज हो रहा है, जबकि मसौढ़ी में ओपीडी सेवा बंद है। एनएमसीएच में हड़ताली डॉक्‍टरों ने प्रदर्शन भी किया।

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आइएमए से जुड़े डॉक्‍टर घूम-घूमकर बंद कराते रहे ओपीडी

पीएमसीएच और एनएमसीएच में आइएमए के नेताओं ने पहुंचकर ओपीडी बंद कराया, जबकि आइजीआइएमएस में उपचार आम दिनों की तरह जारी रहा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल विभागों में घूम घूम कर ओपीडी का जायजा लेते रहे, जबकि सिविल सर्जन विभा रानी भी पीएचसी के प्रभारियों से संपर्क कर ओपीडी की जानकारी लेती रहीं। बताया जाता है कि पीएमसीएच में सुबह में रजिस्ट्रेशन के लिए काउंटर पर मरीजों की भीड़ पहुंची, थोड़ी देर रजिस्ट्रेशन भी हुआ इसके बाद आइएमए के नेताओं ने बंद करा दिया। दोपहर 11:45 बजे फिर से एक बार रजिस्ट्रेशन खुला। आइएमए के अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा कि उनका संगठन आयुर्वेद चिकित्सा का विरोध नहीं कर रहा है। आयुर्वेद चिकित्‍सकों को जिस तरह की पढ़ाई और प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उन्हें उसी अनुरूप कार्य में लगाया जाए।

पीएमसीएच में लौटते रहे मरीज, गया के अस्‍पतालों में हड़ताल का असर नहीं

पटना के सबसे बड़े अस्‍पताल पटना मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल (पीएमसीएच) में हड़ताल का असर अधिक है। यहां हर रोज दूर-दराज से मरीज इलाज कराने आते हैं, लेकिन आज मरीजों को बगैर इलाज के लौटना पड़ रहा है। गया शहर के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवा प्रभावित रही, जबकि प्रभावती अस्पताल और जयप्रकाश नारायण अस्पताल में मरीजों का इलाज रोजाना की तरह हो रहा है। औरंगाबाद सदर अस्‍पताल में ओपीडी में इलाज नहीं हो रहा है। पूर्णिया के सरकारी अस्‍पतालों में हड़ताल का काफी असर देखने को काफी मिल रहा है।

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भोजपुर के सरकारी व निजी अस्पतालों मेंं ओपीडी सेवा ठप

केंद्र सरकार द्वारा आयुष चिकित्सकों को सर्जरी करने के निर्णय के विरोध में आइएमए द्वारा शुक्रवार को आहूत हड़ताल का भोजपुर जिले में भी असर देखा जा रहा हैं। भासा ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है। सुबह से ही निजी व सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप हैं। हालांकि, गंभीर मरीजों को अधिक परेशानी नहीं हो, इसलिए इमरजेंसी सेवा बहाल रखी गई है। शुक्रवार को सुबह से सदर अस्पताल, आरा और प्राइवेट क्लीनिकों में ओपीडी सेवा ठप रहने से मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

सुबह से ही इधर-उधर भटक रहे मरीज

आइएमए के अनुसार सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक निजी क्लीनिक में आउटडोर बंद रहेगा। सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रखी जाएगी । सदर अस्पताल, आरा में सुबह आठ बजे से ही ओपीडी सेवा ठप हैं। ग्रामीण इलाकों से इलाज के लिए आए मरीजों को भटकना पड़ रहा हैं। आपको बताते चलें कि रविवार को छोड़कर अन्य दिनों में सुबह आठ बजे से दोपहर बारह बजे तक तथा शाम चार बजे से छह बजे तक आउटडोर सेवा बहाल रहती हैं। जिसमें प्रतिदिन करीब तीन- चार सौ से अधिक मरीजों का इलाज किया जाता हैं।

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सामान्य दिनों की तरह इमरजेंसी सेवा बहाल

सदर अस्पताल, आरा में सामान्य दिनों की तरह शुक्रवार की सुबह इमरजेंसी सेवा बहाल हैं। दो चिकित्सक डॉ अरूण कुमार व डॉ एस किशुन ड्यूटी पर कार्यरत हैं। चिकित्सकों के अनुसार इमरजेंसी के अलावा कोरोना जांच सेवा को बहाल रखा गया है। जबकि, अन्य सेवाएं बंद हैं।

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