DESk महाराष्ट्र के नासिक में आज सुबह तड़के एक बस में आग लगने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. शवों और घायल लोगों को अस्पताल ले जाया गया है. नासिक पुलिस ने कहा कि वे अभी भी डॉक्टर की पुष्टि होने के साथ मौतों की सही संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. नासिक पुलिस ने बताया कि कल रात नासिक में एक बस में आग लगने से कई लोगों की मौत होने की आशंका है. इस घटना के बारे में और जानकारी मिलने का इंतजार किया जा रहा है.
नासिक पुलिस ने बताया कि ये हादसा आज सुबह तड़के करीब 5.15 मिनट पर हुआ हादसा. पुलिस ने अब तक सड़क हादसे के बाद बस में लगी भीषण आग में जलकर 10 यात्रियों की मौत होने की खबर की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि ये भीषण सड़क हादसा नासिक-औरंगाबाद रोड पर हुआ.
दमकल की टीम ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया लेकिन तब तक कई लोगों की जान आग में जलकर जा चुकी थी. जल्दी से सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. कहा जा रहा है कि कुछ लोगों की हालत गंभीर है और मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है.
पटना बिहार में महंगाई से परेशान लोगों की जेब पर अब और असर पड़ने वाला है. दरअसल रोजमर्रा की जरूरी चिजों में शामिल सुधा दूध के दाम बढ़ गए हैं, दूध की कीमतों में दो से तीन रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है. नया रेट 11 अक्टूबर से लागू होगा. पटना डेयरी प्रोजेक्ट ने सुधा दूध के अलग-अलग वैरायटी के लिए रेट लिस्ट भी जारी कर दिया है.
बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कम्फेड) ने सुधा दूध की कीमतों में दो से तीन रुपये प्रति लीटर का इजाफा कर दिया है. सुधा के गोल्ड दूध में प्रति लीटर तीन रुपये और अन्य सभी में दो रुपये की वृद्धि हुई है. अब सुधा गोल्ड 56 की जगह 59 रुपये में मिलेगा. इसी तरह सुधा शक्ति 49 से बढ़कर 51, गाय का दूध 46 से बढ़कर 48 रुपये और सुधा हेल्दी 44 से बढ़कर 46 रुपये कर दिया गया है. आपको बता दें कि जीएसटी नीति में सशोधन के बाद से दही और दूध के दाम बढ़ाए गए हैं. जिसका सीधा असर आम लोगों के बजट पर पड़ेगा.
ललन सिंह का JDU से इस्तीफा, मोकामा से BJP के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव!
जेडीयू नेता ललन सिंह ने शनिवार को पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.ललन सिंह पिछले तीन बार बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि वे कभी भी जीत नहीं पाए हैं, लेकिन इस बार जेडीयू महागठबंधन में शामिल हो गई है और जेडीयू की सहयोगी पार्टी आरजेडी से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया गया है.
कहा जा रहा है कि ललन सिंह पार्टी से इस्तीफा देकर अब दूसरे दल के टिकट पर मोकामा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे.
Sumit Kumar Singh Chakai: जमुई जिले की राजनीति में युवाओं के बीच अपनी कार्यशैली से लोकप्रियता का मुकाम हासिल कर चुके चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह ने सोशल मिडिया के माध्यम से अपने मन की बात कही है. सुमित ने कहा है कि हर क्षेत्र की अपनी अपनी विशेषताएं होती है जिसे लक्ष्य बनाकर उस क्षेत्र का समग्र विकास किया जा सकता है.
पूर्व विधायक ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए सबसे अहम होता है चुने गए जन प्रतिनिधियों को क्षेत्र की विस्तृत जानकारी, और ऐसी जानकारी जनप्रतिनिधियों को बिचौलियों द्वारा बंद कमरे में बैठाकर नहीं दी जा सकती.चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह ने कहा है कि क्षेत्रवार जानकारी के लिए चुने गए जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र व जनता के बीच क्रमवार जाकर उसे हासिल करनी पड़ती है.
Sumit Kumar Singh Chakai
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की विशेषता के अनुरूप स्थानीय स्तर पर वर्क प्लान तैयार कर उसके सम्पूर्ण विकास के लिए कार्य करने की आवश्यकता है. सुमित ने कहा कि पूर्व में वो खुद एक विधानसभा क्षेत्र के चुने हुए जनप्रतिनिधि रह चुके हैं और यह उनका व्यक्तिगत अनुभव है कि चुने गए जनप्रतिनिधियों को तमाम जनसमस्याओं, विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाने वाली परियोजनाओं, लोगों की मूलभूत जरूरतों व स्थानीय विशेषताओं की गहरी समझ होनी चाहिए.
अपने अनुभव शेयर करते हुए सुमित सिंह ने कहा है कि जनता ने जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुना है उन्हें अपनी विकास दृष्टि को जनता के समक्ष सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करनी चाहिए ताकि उस विकास दृष्टि को कार्य योजना में परिणत कर धरातल पर उतारा जा सके. सुमित ने अपने मन की बात रखते हुए आगे कहा है कि अपने कार्यकाल के पांच वर्षों को पांच बराबर भागों में बांटकर जनता के चुने गए नुमाइंदे हर वर्ष एक लक्ष्य को पूरा करें तो विकास को तीव्र गति मिलेगी.
पूर्व विधायक ने कहा कि विकास को गति देकर ही जनता की कसौटी पर खरा उतरा जा सकता है.उन्होंने कहा कि जनता विश्वास प्रदान करे तो नेता एकबार फिर से उसे आगे बढ़ाएं अथवा, जनता के विश्वास का इंतज़ार करें. उन्होंने कहा कि जनता मौका देती है तो उसे फिर वहीं से शुरू करें, जहां वह अधूरा रह गया था.
इससे जनता के समक्ष विकल्प का अवसर रहेगा तथा सरकार और जिला प्रशासन को संबंधित क्षेत्र के बारे में एक नजरिया मिलेगा जिससे भटकना उनके लिए मुश्किल होगा. साथ ही कोई अवरोध पैदा करने वाली सरकार और नौकरशाह इसमें अड़ंगा लगाने की सोचेंगे तो वह जनता के समक्ष बेनकाब होंगे. सुमित सिंह ने मन की बात में यह भी कहा है कि इससे स्थानीय स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक बड़ा बदलाव हो सकता है.
Sainik School in Bihar: सैनिक स्कूल स्कूल का ही एक सिस्टम है जो भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है. भारत में टोटल 33 सैनिक स्कूल है. जिसमे से दो बिहार में है.
अगर आप बिहार के सैनिक स्कूलों के बारे में जानना चाहते है. जैसे की Sainik School Admission Form, Fee Structure, Sainik school Gopalganj, Sainik School Nalanda तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़िए।
Sainik School Gopalganj
Sainik School Nalanda
सैनिक स्कूल गोपालगंज | Sainik School Gopalganj
सैनिक स्कूल गोपालगंज की स्थापना 12 अक्टूबर 2003 में हुई थी. यहाँ छठवीं से नवीं तक की पढाई होती है, जिसके लिए एंट्रेंस एग्जाम जनवरी में होता है.
एडमिशन फॉर्म बेचा जाता है: अक्टूबर से दिसंबर
फॉर्म जमा करने का अंतिम तारीख: दिसंबर के पहल सप्ताह में
मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur):जिले के नगर थाना क्षेत्र के चर्चित रेड लाइट एरिया में शुक्रवार को देर शाम कई थानों की पुलिस ने छापेमारी की है. जानकारी के अनुसार लड़की खरीद बिक्री करने वाले गिरोह के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस द्वारा रेड लाइट एरिया में छापेमारी से अफरा तफरी मची है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर पुलिस ने लड़की खरीद बिक्री करनेवाले एक बड़े गिरोह का उद्भेदन किया है, गिरोह का तार पूर्णिया कटिहार और मुजफ्फरपुर के रेडलाइट एरिया से जुड़ा हुआ है.
Red Light Area in Muzaffarpur
मामला तब संज्ञान में आया जब एक एनजीओ ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी कि चतर्भुज स्थान में बड़े पैमाने पर लड़की खरीद बिक्री की जा रही है. सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस, मिठनपुरा और महिला थाने की पुलिस ने शहर की रेड लाइट चतुर्भुज स्थान में छापेमारी की. छापेमारी की होर होते ही रेड लाइट में अफरा तफरी मच गई. दरअसल पिछले दिनों रौशन नामक एक युवक ने प्रेम के जाल में पूर्णिया के एक लड़की को फंसाकर मुजफ्फरपुर की रेड लाइट एरिया में बेच दिया था. गायब लड़की को पुलिस ने रेड लाइट एरिया से बरामद कर लिया. बरामद लड़की से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है,
लड़की ने बताया कि चतुर्भुज स्थान की एक महिला से उसे बेचा गया है. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चतुर्भुज स्थान से लड़की बेचने वाला युवक रौशन, जूली और मोहम्मद डुल्लू को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार सभी आरोपियों से डीएसपी नगर राम नरेश पासवान ने गहन पूछताछ की और क़ानून प्रक्रिया पूरी की। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस को कई अहम जानकारियां हाथ लगी है।
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महेंद्रनाथ मंदिर जहां पर होती है सबकी मनोकामनाएं पूर्ण
बिहार का बाबा महेंद्रनाथ मंदिर (Baba Mahendra Nath Temple) प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। नेपाल के राजा महेंद्र वीर विक्रम सहदेव ने मेंहदार में खूबसूरत मंदिर को बनवाया और इसका नाम महेंद्रनाथ रखा था। सीवान से लगभग 32 किमी दूर सिसवन ब्लॉक के मेंहदार गांव में स्थित भगवान शिव के महेंद्रनाथ मंदिर का निर्माण नेपाल नरेश महेंद्र ने 17वीं सदी में करवाया था। मंदिर आपपास के क्षेत्र के लोगों के अलावा देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
मेंहदार धाम बिहार का पर्यटक और ऐतिहासिक स्थल है। लगभग 500 वर्ष पुराना मेंहदार का महेंद्रनाथ मंदिर सबसे पुरानी धार्मिक स्थलों में है जो अब लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। मुख्य मंदिर के पूर्व में सैकड़ों बड़े छोटे घंटी लटका है जो देखने में बहुत ही रमण्ीय लगता है। घंटी के सामने पर्यटक अपनी फोटो खिंचवाते हैं। भगवान गणेश की एक प्रतिमा भी परिसर में रखा गया है। उत्तर में मां पार्वती का एक छोटा सा मंदिर भी है।
हनुमान की एक अलग मंदिर है, जबकि गर्भगृह के दक्षिण में भगवान राम, सीता का मंदिर है। काल भैरव, बटूक भैरव और महादेव की मूर्तियां मंदिर परिसर के दक्षिणी क्षेत्र में है। मंदिर परिसर से 300 मीटर की दूरी पर भगवान विश्वकर्मा का एक मंदिर है। मंदिर के उत्तर में एक तालाब है जिसे कमलदाह सरोवर के रूप में जाना जाता है जो 551 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। इस सरोवर से भक्त भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पानी ले जाते हैं।
इस सरोवर में नवंबर में कमल खिलते है और बहुत सारे साइबेरियाई प्रवासी पक्षियां यहां आते हैं जो मार्च तक रहते है। महाशिवारात्रि पर यहां लाखों भक्त आते हैं। उत्सव पूरे दिन पर चलता रहता है और भगवान शिव व मां पार्वती की एक विशेष विवाह समारोह आयोजित होता है। इस दौरान शिव बारात मुख्य आकर्षण होता है।
मंदिर में खास
मंदिर में छोटे-बड़े आकार की सकड़ों घंटियां बहुत नीचे से ऊपर तक टगी है जिसको बच्चे आसानी से बजा सकते हैं। हर-हर महादेव के उद्घोष और घंट-शंख की ध्वनि से मंदिर परिसर से लेकर सड़कों पर भगवान शिव की महिमा गूंजती रहती है। दशहरा के पर्व में 10 दिनों तक अखंड भजन, संकीर्तन का पाठ होता है। इसके अलावा सावन में महाशिवरात्रि पर लाखों भक्त शिव जलाभिषेक करते हैं। सालों भर पर्यटक का आना जाना लगा रहता है।
क्या देखें
कमलदाह सरोवर
छोटे-बड़े मंदिर
देशी और विदेशी साइबेरियाई पक्षी
शिव श्रृंगार
हर छोटे-बड़े आकर की घ्ाटी
मंदिर में उछल कूद करते बंदर (लंगूर)
कलश यात्रा के दौरान रास्ते में लोगों का हुजुम
इतिहास
ऐसी मान्यता है कि मेंहदार के इस प्राचीन शिवालय स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सारी मनोकमानएं पूरी होती है। नि:संतानों को संतान तथा चर्मरोगियों को भी उसकी बीमारी से निजाजत मिल सकता है। कहा जाता है सैकड़ों वर्ष नेपाल के महाराज महेंद्र वीर विक्रम सहदेव कुष्ठरोग से ग्रस्ति थे। वाराणसी यात्रा के दौरान राजा एक घने जंगल में रात्रिविश्राम करने हेतु छोटे से सरोवर किनारे रूके। भगवान शिव ने राजा को सपने में कहा कि तुम इस छोटे सरोवर में नहाओ और यही पीपल के पेड़ के नीचे मेरा शिवलिंग है जिसको तुम निकालो। राजा ने सुबह उस छोटे सरोवर में नहाकर उसी से शिवलिंग पर जलाभिषेक किया तो राजा का बीमारी ठीक हो गया। राजा ने शिवलिंग को अपने साथ ले जाने का कार्यक्रम बनाया तो रात में भगवान शिव ने राजा को पुन: स्वप्न में कहा कि तुम शिवलिंग को यही स्थापित करो और मंदिर का निर्माण करवाओ। राज ने मंदिर का निर्माण करवाया और उस छोटे से सरोवर को 552 बीघा में विस्तृत कराया। बड़े सरोवर की खुदाई में राजा ने एक भी कुदाल का प्रयोग नहीं करवाया और उसकी खुदाई हल और बैल से करवाया।
शिवलिंग का विशेष श्रृंगार
भोलेनाथ के श्रृंगार को देखने के लिए मंदिर में श्रद्धालु और पर्यटक खास तौर पर आते हैं। यहां शिवलिंग का शहद, चंदन, बेलपत्र और फूल से विशेष श्रृंगार किया जाता है। पहले शहद से शिवलिंग का मालिश करने के बाद चंदन का लेप लगाया जाता है। उसी लेप का शिवलिंग पर हाथों से डिजाइन बनाया जाता है। राम और ऊं लिखा बेलपत्र, धतूरा और फूलों से भगवान शिव का श्रृंगार होता है।
मंदिर निर्माण की विशेषताएं
मंदिर का निर्माण लाखौरी ईट और सुर्खी-चूना से हुआ है। चार खंभों पर खड़ा मंदिर एक ही पत्थर से बना है जिसमें कहीं जोड़ नहीं है। मुख्य मंदिर के ऊपर बड़ा गुबंद है जिस पर सोने से बना कलश और त्रिशुल रखा है। मंदिर के चारों तरफ आठ छोटे-बड़े मंदिर है जिनके ऊपर भी उसी डिजाइज और कलर का गुबंद है। मुख्य मंदिर में शिव का ऐतिहासिक काले पत्थर का शिवलिंग है जिसके चारों तरफ पीतल का घेरा है।
कैसे पहुंचे
रेल और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। सीवान से नजदीकी रेलवे स्टेशन महेंद्रनाथ हाल्ट है। यहां से शेयरिंग आटो या टै्रक्सी से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। बस और अपने सवारी से भी सड़क मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
Bihar CM List: अगर आप बिहार के सारे मुख्यमंत्रियों की सूची देखना चाहते है, तो आप बिलकुल सही जगह पहुंचे है. इस पोस्ट में आपको बिहार के अबतक का मुख्यमंत्रियों की लिस्ट बताऊंगा और साथ में उनकी कार्यकाल भी।
नीचे बिहार के मुख्यमंत्रियों के नाम (Bihar CM List) और उनके कार्यकाल दिए गए है:-
1.
श्री कृष्ण सिंह
11 वर्ष 5 दिन
2.
दीप नारायण सिंह
0 वर्ष 18 दिन
3.
बिनोदानंद झा
2 वर्ष 226 दिन
4.
कृष्ण बल्लभ सहाय
3 वर्ष 154 दिन
5.
महामाया प्रसाद सिन्हा
0 वर्ष 330 दिन
6.
सतीश प्रसाद सिंह
0 वर्ष 5 दिन
7.
बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल
0 वर्ष 51 दिन
8.
भोला पासवान शास्त्री
0 वर्ष 100 दिन
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9
हरिहर सिंह
0 वर्ष 117 दिन
(8).
भोला पासवान शास्त्री (2)
0 वर्ष 13 दिन
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10
दरोगा प्रसाद राय
0 वर्ष 310 दिन
11
कर्पूरी ठाकुर
0 वर्ष 163 दिन
(8).
भोला पासवान शास्त्री (3)
0 वर्ष 222 दिन
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12
केदार पांडेय
1 वर्ष 105 दिन
13
अब्दुल गफूर
1 वर्ष 283 दिन
14
जगन्नाथ मिश्रा
2 वर्ष 19 दिन
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(11).
कर्पूरी ठाकुर (2)
1 वर्ष 301 दिन
15
राम सुन्दर दास
0 वर्ष 302 दिन
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(14).
जगन्नाथ मिश्रा (2)
3 वर्ष 67 दिन
16
चंद्र शेखर सिंह
1 वर्ष 210 दिन
17
बुंदेश्वरी दुबे
2 वर्ष 338 दिन
18
भगवत झा आज़ाद
1 वर्ष 24 दिन
19
सत्येन्द्र नारायण सिन्हा
0 वर्ष 270 दिन
(14)
जगन्नाथ मिश्रा (3)
0 वर्ष 94 दिन
20
लालू प्रसाद यादव
5 वर्ष 18 दिन
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(20)
लालू प्रसाद यादव (2)
2 वर्ष 112 दिन
21
राबड़ी देवी
1 वर्ष 201 दिन
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(21)
राबड़ी देवी (2)
0 वर्ष 359 दिन
22
नितीश कुमार
0 वर्ष 7 दिन
(21)
राबड़ी देवी (3)
4 वर्ष 360 दिन
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(22)
नितीश कुमार (2)
8 वर्ष 117 दिन
23
जीतन राम माझी
0 वर्ष 278 दिन
(22)
नितीश कुमार (3)
5 वर्ष +
विकिपीडिया से लिया गया डाटा
कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
बिहार में सबसे कम कार्यकाल में रहने वाला मुख्यमंत्री का नाम
सतीश प्रसाद सिंह
बिहार में सबसे ज्यादा कार्यकाल में रहने वाला मुख्यमंत्री का नाम
भागलपुर, बिहार। (नरक निवारण चतुर्दशी के व्रत) स्वर्ग में अपना स्थान बनाने के लिए नरक-निवारण चतुर्दशी से अच्छा दिन कोई और हो ही नहीं सकता। इस दिन बेर और बेलपत्र के माध्यम से स्वर्ग में अपने लिए स्थान बनाने की चेष्टा की जाती है। जिससे नर्क जाने का रास्ता बन्द हो जाता है। वर्ष में सामान्यत: कुल चौबीस चतुर्दशी होते हैं जिसमें बारह कृष्ण पक्ष और बारह शुक्ल पक्ष के होते हैं।
जिसमें नरक-निवारण चतुर्दशी का अपना विशिष्ट स्थान है। यह चतुर्दशी मिथिलांचल का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पर्व है। इस सम्बन्ध में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त ज्योतिष योग शोध केन्द्र, बिहार के संस्थापक दैवज्ञ पं. आर. के. चौधरी उर्फ बाबा-भागलपुर, भविष्यवेत्ता एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ ने शास्त्रोंक्त मान्यतानुसार बतलाया कि:- नर्क की यातना और पाप कर्मो के बुरे प्रभाव से बचना है और स्वर्ग में अपने लिए सुख और वैभव की कामना चाहते हैं तो, स्वर्ग में अपने लिये स्थान बनाने का अवसर गंवाना नहीं चाहिये। इस वर्ष यह सुअवसर 10 फरवरी 2021 (बुधवार) को माघ कृष्ण चतुर्दशी है।
नरक निवारण चतुर्दशी के व्रत
यह चतुर्दशी देवाधिदेव महादेव को अत्यन्त प्रिय है, शास्त्रो में कारण यह बताया गया है कि इसी दिन पर्वतराज हिमालय ने अपनी सुपुत्री पार्वती जी की शादी का प्रस्ताव भगवान शिव के पास भेजा था, यानी इसी दिन भगवान शिव का विवाह तय हुआ और महाशिवरात्रि को विवाह सम्पन्न हुई।
इसलिए इस दिन व्रत रखकर जो व्यक्ति भगवान शिव सहित माता पार्वती और गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं उन पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। नर्क जाने से बचने के लिए नरक-निवारण चतुर्दशी के दिन भगवान शिव को बेलपत्र और बेर जरूर भेंट करना चाहिए। इस व्रत को रखनेवाले को पूरे दिन निराहार रहकर शाम में व्रत तोड़ना चाहिये। ऐसा शास्त्र-सम्मत विधान है। हाँ, लेकिन सिर्फ व्रत से ही काम नहीं चलेगा, यह भी प्रण करना होगा कि मन, वचन और कर्म से जान-बूझकर कभी किसी को कष्ट नहीं पहुँचायेंगे।