Patna: किसान आंदोलन ने शराब तस्करों के कारोबार में नया कनेक्शन जोड़ दिया है। यह कनेक्शन नार्थ-ईस्ट का है, जो हरियाणा की सीमा सील होने से एक्टिव हो गया है। किसानों के आंदोलन के बाद शराब तस्करों के बदले इस नए ट्रेंड का खुलासा दैनिक भास्कर की पड़ताल में हुआ है। किसान आंदोलन के बाद से जितनी शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई है, कनेक्शन नया ही मिला है। 2020 में नवंबर माह तक लगभग 27 हजार लीटर विदेशी शराब पटना में पकड़ी गई, जो हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बंगाल की थी। वहीं दिसंबर माह के पहले सप्ताह में लगभग 8 हजार लीटर शराब पकड़ी गई है जो अरुणाचल प्रदेश की है।

छापेमारी में सामने आया कनेक्शन

उत्पाद विभाग के मुताबिक 2020 में सिर्फ पटना में 2695 छापेमारी की गई है जिसमें 719 मुकदमा दर्ज करते हुए 257 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। दिसंबर माह में कुल 66 छापेमारी की गई है जिसमें 16 मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्पाद विभाग के अधिकारियों का मानना है हाल के दिनों में जो भी शराब पकड़ी गई है वह नार्थ-ईस्ट की थी। जबकि अप्रैल में 89, मई में 184, जून में 190, जुलाई में 123, अगस्त में 293, सितंबर में 388, अक्टूबर में 910 और नवंबर में 452 छापेमारी की गई इसमें जो भी शराब पकड़ी गई थी नार्थ ईस्ट का कनेक्शन नहीं के बराबर था। नवंबर माह में यह कनेक्शन सामने आया है।

चुनाव खत्म होते सक्रिय हुए तस्कर

बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद शराब तस्करों की नई चाल का खुलासा हुआ। आए दिन शराब की बड़ी खेप की बरामदगी ही नहीं छापेमारी टीम पर हमले की घटना भी बढ़ गई। इस बीच अफसर सख्त हुए तो शराब तस्करों से पुलिस की गठजोड़ का राजफाश होने लगा। कई थानेदारों पर कार्रवाई भी की गई। इसके बाद भी शराब तस्करों की सक्रियता जारी है। लगातार एक ही ब्रांड और एक खास प्रदेश की शराब बरामदगी को लेकर जब पड़ताल की गई तो तस्करों का नार्थ-ईस्ट का नेटवर्क पता चला।

ऐसे जुड़ा शराब तस्करी का नया कनेक्शन

बिहार में शराब बंदी के बाद से अब तक सबसे अधिक खेप हरियाणा की आई है। पुलिस या उत्पाद विभाग ने जब भी बड़ी खेप पकड़ी है शराब हरियाणा की हाथ आई है। इसके अलावा यूपी और वेस्ट बंगाल की शराब बरामद होती है। पड़ताल के बाद पता चला कि इस बार शराब की हर बड़ी खेप नार्थ ईस्ट के अरुणाचल प्रदेश से आ रही है। एक सप्ताह में पूरे प्रदेश में 3 हजार कार्टून से अधिक शराब पकड़ी गई है, सभी अरुणाचल की है। पटना में शुक्रवार और शनिवार को दो ट्रक विदेशी शराब पकड़ा गया है। पूरी की पूरी खेप अरुणाचल प्रदेश से लाई जा रही थी।

सरकार की सख्ती से बनाया रूट

हरियाणा से शराब बिहार में खपाना तस्करों के लिए काफी आसान था। यह रूट पूरी से सेट था। हरियाणा से बिहार में सामान की खेप आती है और उसी में शराब को भी पार करा दिया जाता था। लांग रूट से आने वाली ट्रकों पर पुलिस या उत्पाद विभाग को शराब की आशंका नहीं होती है। यूपी और बंगाल बार्डर तो बदनाम हो गया है इस कारण से तस्कर हरियाणा के शराब को सुरक्षित मान रहे थे। इधर जब हरियाणा बार्डर बंद हुआ तो लांग रूट में तस्करों को अरुणाचलन प्रदेश ही मिला जहां से वह आसानी से शराब की बड़ी खेप ट्रकों से बिहार ला सकते थे। किसानों के आंदोलन से हरियाणा और पंजाब दोनों स्टेट संवेदनशील हैं, इस कारण से अरुणाचल का नया कनेक्शन तैयार हुआ है।

उत्पाद विभाग की जांच में भी हुआ खुलासा

पड़ताल के दौरान उत्पाद विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने शराब तस्करों के इस नए ट्रेंड के पीछे किसानों के आंदोलन से हरियाणा और पंजाब बार्डर के सील होने की बड़ी वजह बताई। उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने भी इस बात पर सहमति जताई और बताया कि तस्कर हमेशा लांग रूट को ही सुरक्षित मानते हैं। पंजाब और हरियाणा बार्डर बंद होने की वजह से ही वह शराब अरुणाचल की ला रहे हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि उसकी सख्ती से ही शराब की खेप पकड़ी भी जा रही है।

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