Patna: पिछले दिनों गिरफ़्तार 50 हजार के इनामी अपराधी रवि गोप को तीन दिनों में जमानत मिलने के मामले में बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, महज गिरफ्तारी के चार दिनों के भीतर ही कोर्ट से नियमित जमानत लेकर जेल से छूट गया. पटना पुलिस को तब पता चला जब रवि जेल से निकलने के बाद फरार हो गया. जाहिर है पुलिस हाथ मलती रह गई. बड़ी बात ये है कि इससे एक दिन पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि पुलिस को यह देखना होगा कि कोई कुख्यात अपराधी को आसानी से बेल न मिले. ऐसे में पटना पुलिस भी शक के दायरे में आ गई है.
इस मामले को लेकर जब एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार से रवि गोप को चार दिनों के भीतर ही ज़मानत मिलने पर सवाल पूछा गया तो वो सफ़ाई देते दिखे. उन्होंने कहा ये कोर्ट का मामला है. हालांकि, उन्होंने इतना ज़रूर कहा की अभियोजन को हम और दुरुस्त कैसे करें इस पर हम काम कर रहे हैं. बता दें कि पूरे मामले में किस स्तर पर चूक हुई है, इसकी रिपोर्ट सिटी एसपी वेस्ट से मांगी गई है.
दरअसल, रवि गोप के एक केस में जेल भेजने के बाद दूसरे केस में रिमांड के लिए कोर्ट में पुलिस ने आवेदन नहीं दिया. किसी अन्य आपराधिक मामले में प्रोडक्शन वारंट नहीं रहने से रवि गोप फुलवारी जेल से आसानी से छूट गया. गौरतलब है कि एसटीएफ और पटना पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चला कर दीघा के रवि गोप को अथमलगोला थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने उसे तब पकड़ा था जब वह गुपचुप तरीके से शादी कर रहा था. पुलिस ने उसे मंडप से गिरफ्तार किया और रंगदारी के एक आपराधिक मामले में कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने रवि गोप को न्यायिक हिरासत में लेते हुए फुलवारी जेल भेज दिया था. इस कांड के सूचक से समझौता के आधार पर एसीजेएम ने आरोपी रवि गोप को जमानत दी.
दूसरी ओर सरकार में शामिल बीजेपी प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर बेहद नाराज दिख रही है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अपराध पर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है. रवि गोप के मामले में अगर इतने बड़े अपराधी को इतनी जल्दी बेल मिल गई है तो सरकार और प्रशासन इसे गम्भीरता से ले रहा है. इसमें दोषी चाहे एसपी हो या थाना प्रभारी, उनपर निश्चित कार्रवाई होगी. सरकार उसे बख्शने वाली नहीं है.