Desk: आयुर्वेद में सर्जरी की स्वीकृति दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय के विरोध में आईएमए द्वारा आज ओपीडी में कार्य बहिष्कार का मिलाजुला असर देखा जा रहा है। गया स्थित अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में ओपीडी पूरी तरह से बंद है। रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद रहने से नए मरीजों का पुर्जा नहीं बन रहा है। पुराना पुर्जा पर नया डेट का मुहर नहीं लग रहा है। इसके चलते सैकड़ों मरीजों को बगैर इलाज कराये लौटना पड़ रहा है।
एक साल के बच्चे को वापस लेकर चले गए स्वजन
बेलागंज, चुलिहारा बीघा से अपने बच्चे का प्लास्टर कराने आए पिंटू मिश्रा ने कहा कि पुर्जा पर मुहर नहीं लग रहा है। एक साल के बच्चे को लेकर वह आये थे। बहुत दिक्कत हो रही है। इस ठंड में आकर वापस लौटना काफी परेशानी दायक बताया। चेरकी से मुंदर देवी और चोरनीया गांव से ललिता देवी अपने बच्चे का जख्म का इलाज कराने अस्पताल आई थी। लेकिन रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद रहने से उन्हें वापस लौटना पड़ा। टनकुप्पा से बुजुर्ग मेहरून न्निसा इलाज कराने आई थी। उन्हें भी निराश होकर लौटना पड़ा। उधर 60 किलोमीटर दूर नवादा जिले के एकनार से अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए आए राजीव रंजन ने निराशा के साथ कहा कि हम मरीजों का क्या कसूर है? डॉक्टरों की बंदी से हम मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। वह अपनी पत्नी को साथ लेकर मेडिकल अस्पताल पहुंचे थे।
मिक्सोपैथी से आम मरीज व चिकित्सा जगत को होगा नुकसान: डॉ नसीम अहमद
मेडिकल अस्पताल के जूनियर डॉक्टर आईएमए के आवाहन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। आईएमए के उपाध्यक्ष डॉक्टर नसीम अहमद ने कहा कि मिक्सोपैथी से चिकित्सा जगत को नुकसान होगा।केंद्र सरकार का यह निर्णय सही नहीं है। इससे झोलाछाप डॉक्टरों का मनोबल बढ़ेगा। मेडिकल अस्पताल में आईएमए के साथ जूनियर डॉक्टरों ने जनता को बचाओ खिचड़ी सर्जन से जैसे जैसे नारे को बुलंद किया।
जेपीएन व प्रभावती में खुला दिखा ओपीडी, मरीजों की दिखी कतार
आइएमए की ओर से एक दिन ओपीडी बहिष्कार के निर्णय को भासा की ओर से समर्थन दिया गया है। बाबजूद सरकारी अस्पताल की ओपीडी खुली हुई दिखी। शहर के जयप्रकाश नारायण अस्पताल व प्रभावती में सामान्य दिनों की तरह ही ओपीडी खुला हुआ दिखा। मरीज कतार में लगकर इलाज करा रहे थे। इधर मेडिकल अस्पताल समेत सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी की सेवाएं पूर्व की तरह जारी हैं। कोविड-19 और फ्लू काउंटर पर भी इलाज किया जा रहा है।