बिहार के सीवान जिले को जल्द फोरलेन सड़क की सौगात मिलने वाली है. इसको लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 1431.36 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सड़क को स्वीकृति प्रदान कर दी है. खास कर राम-जानकी सड़क मार्ग का निर्माण फोरलेन में हो जाने से जिले के श्रद्धालुओं को भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या और माता सीता की जन्म स्थली नेपाल के जनकपुर तक जाने के लिए एक अलग मार्ग जल्द ही उपलब्ध होगा. साथ ही आम नागरिकों को भी आवागमन में सहूलियत होगी.

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50 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क

दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई पहले चरण में सीवान से मशरक तक 50 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनायेगी. इसके लिए केंद्र सरकार ने स्वीकृत दे दी है. राम-जानकी मार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल को जोड़ने वाली सड़क है. इसके पहले चरण में सीवान से मशरख तक कुल 50 किमी लंबा फोरलेन सड़क बनेगी जिसको लेकर एनएचएआई ने पहले ही निर्माण एजेंसी के चयन के लेकर टेंडर जारी कर दिया है.

पहले चरण में सीवान से मशरक तक 50 KM लंबी सड़क बनेगी

बनने वाले फोरलेन के तहत राम-जानकी मार्ग की कुल लंबाई लगभग 240 किमी है. इसमें बिहार से गुजरने वाले राम-जानकी मार्ग की लंबाई लगभग 200 किमी होगी. बिहार में इस सड़क के पहले चरण में महरौना घाट, सीवान से मशरख तक करीब 50 किमी लंबी सड़क बनेगी. वहीं, दूसरे चरण में मशरख से चकिया तक करीब 48 किमी, तीसरे चरण में चकिया से भिट्ठामोड़ तक करीब 103 किमी लंबी फोरलेन सड़क बनेगी. इसके अलावा, लगभग 40 किमी सड़क मार्ग उत्तर प्रदेश के मेहरौना घाट से सीवान तक बनेगी. इस सड़क को पहले केवल दो लेन का बनाया जाना था, लेकिन बाद में बिहार सरकार के प्रयासों से फोरलेन बनाने की मंजूरी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दी.

सीवान से मशरक तक 4 बाइपास का होगा निर्माण

राम-जानकी मार्ग के पहले चरण में कुल चार बाइपास का निर्माण होगा. इसमें करीब 4.63 किमी लंबाई में सीवान बाइपास, करीब 7.38 किमी लंबाई में तनरवा बाइपास, करीब 14.66 किमी लंबाई में बसंतपुर बाइपास और करीब 2.29 किमी लंबाई में मशरख बाइपास शामिल हैं. इसके अलावा एक बड़ा पुल, 14 छोटे पुल, 15 अंडरपास, एक आरओबी और दो ग्रेड सेपरेटर का भी निर्माण होगा.

इस रुट होकर अयोध्या से जनकपुर तक जाएगी हाइवे

राम-जानकी हाइवे उत्तर प्रदेश में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या से प्रारंभ होकर बस्ती, बड़हलगंज, मेहरौना घाट, सीवान, चकिया, सीतामढ़ी, भिट्ठा मोड़ होते हुए माता सीता की जन्मभूमि नेपाल के जनकपुर तक जाकर समाप्त होगी.

सीवान के 45 गांवों की ली जायेगी जमीन

राम जानकी मुख्य मार्ग सीवान जिले के चार प्रखंड और 45 से गांव होकर गुजरेगी. जिले के गुठनी, मैरवा, जीरादेई और सीवान सदर प्रखंडों से करीब 45 गांव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. इसके लिए सीवान में भूमि की पैमाइश की जा चुकी है. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सब रजिस्टार सहित जिले के अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों ने चार माह पूर्व ही सीवान सदर से लेकर गुठनी तक पड़ने वाले गांव में जाकर आवासीय, गैर-आवासीय, बिट सहित अन्य जमीनों का सर्वे कर मार्किग किया था. जिसके बाद फाइनल नोटिस जारी कर भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा.

फोरलेन सड़क के लिए जमीन का हो रहा है अधिग्रहण

आम तौर पर फोर लेन के लिए एनएचएआई के द्वारा कुल एलायनमेंट में 45 फीट से ज्यादा जमीन अधिग्रहित की जाती है. वहीं, टोल प्लाजा बनाने के लिए 90 फीट तक जमीन का अधिग्रहण किया जायेगा. एनएचएआई के राष्ट्रीय मानक के अनुसार दो लेन की चौड़ाई 18 फीट यानी फोर लेन की कुल पक्की सड़क 36 फीट होती है. बाकी बचे 10 फीट जमीन में से चार फीट बीच में हरित पट्टी और सड़क के दोनों ओर तीन-चार फीट जमीन रिजर्व रखे जाने का प्रावधान होता है. हालांकि कम भूमि अधिग्रहण के मामले में एनएचएआई फोर लेन की जगह टू लेन की ही सड़क बना देता है. लेकिन, बिहार के मेहरौली घाट से सीवान तक फोरलेन बनेगा.

गजट प्रकाशित कर होगा नोटिस जारी
सीवान जिले के चार प्रखंडों में राम जानकी मुख्य मार्ग में पड़ने वाले भूमि का अंतिम गजट जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा जिसके पश्चात रैयतदारों को नोटिस जारी किया जाएगा. रैयतदार अपना दस्तावेज लेकर विभाग के समक्ष उपलब्ध होंगे. तत्पश्चात नियमानुसार जांच उपरांत उन्हें मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहित कर ली जाएगी.

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने ट्वीट कर जानकारी दी है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार के सारण जिले में पिछड़े क्षेत्र, धार्मिक, पर्यटन स्थल (बीआरटी) योजना के अंतर्गत एनएच-531 के फोरलेन तनरवा और सीवान बाइपास के निर्माण सहित एनएच-227 ए के सीवान से मशरख तक फोरलेन के निर्माण और उन्नयन को 1431.36 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गयी है.

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