Patna: गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित शेल्टर होम में सात साल से दानापुर का सूरज अपने माता-पिता का इंतजार कर रहा है। लगभग पांच साल की उम्र में मेले में गुम हुआ सूरज ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सिर्फ माता-पिता का नाम और दानापुर ही बता पा रहा है। पढ़ाई-लिखाई में होनहार और साफ-सफाई से रहने वाला सूरज शेल्टर होम में सबका चहेता है। शेल्टर होम के कर्मचारियों का कहना है कि बचपन और घर की बात छेड़ने पर वह मायूस हो जाता है। वह पिता का नाम राजा और माता का नाम रेखा देवी बता रहा है।
पुलिस के डर से चौकी छोड़ हो गया था फरार
ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट, नोएडा के इंचार्ज इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने बताया, एक बच्चे की जानकारी के लिए वसुंधरा शेल्टर होम गए थे। सूरज की पढ़ाई और रहन-सहन ने मुझे काफी प्रभावित किया। उसने बातचीत में बताया कि माता-पिता के साथ मेला घूमने गया था। वहीं, वह गुम हो गया। किसी ने उसे पुलिस चौकी में पहुंचा दिया। पुलिस के डर से वह से भाग निकला और ट्रेन पकड़ ली। कुछ दिनों तक ट्रेन, स्टेशन व अन्य स्थानों पर भटकने के बाद शेल्टर होम का आश्रय मिला। देवेंद्र बताते हैं, सूरज ने बचपन में तीन-चार बार नाव पर सवारी करने की जानकारी दी है। गुम होने के दिन उसने घर से पैदल ही जाने की बात बताई है।
मेले में लगा था ‘मौत का कुआं’
सूरज के अनुसार, वह जिस मेले से गायब हुआ था, उसमें ‘मौत का कुआं’ भी लगा था। इस कारण पुलिस को सोनपुर मेले से गुम होने का शक है। लेकिन, सूरज मेले में लोगों की भीड़ छोड़ ज्यादा जानकारी नहीं दे पा रहा है। देवेंद्र सिंह का कहना था कि वह दानापुर प्रशासन और बच्चों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं से नियमित संपर्क में हैं। सूरज कई शेल्टर होम में रह चुका है। वसुंधरा वाले शेल्टर होम में डेढ़ साल से रह रहा है। सबसे पहले किस शेल्टर होम में पहुंचा, इसकी पड़ताल की जा रही है। उसके बातचीत का अंदाज भी अब सामान्य हो चुका है।