Patna: किसान आंदोलन के मामले को राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) ने पटना में एक प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi government) किसानों का एमएसपी समाप्त करना चाहती है क्योंकि उनकी मंशा कॉरपोरेट के हाथों किसानों को बंधक बनाने की है.
तेजस्वी ने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर हम कह सकते हैं कि किसी भी नोटबंदी या फिर जीएसटी जैसे किसी भी बड़े बदलाव को लेकर फायदे गिनाती है, लेकिन हकीकत में यह एक डिजास्टर साबित होता है.
कुछ समय बाद जब इसके फायदे पूछे जाते हैं तो सरकार कुछ बताने की स्थिति में नहीं होती है. वह जवाब भी नहीं देना चाहती है. तेजस्वी ने इस बात का ऐलान किया कि कल यानी शनिवार को पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन में शामिल दल किसान आंदोलन के सपोर्ट में धरने पर बैठेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार हर वो कोशिश करती है जिससे मुद्दे को भटकाया जा सके, लेकिन सवाल यह है कि एमएसपी को ही जब समाप्त कर दिया गया तो किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी. तेजस्वी ने किसानों और संगठनों से अपील करते हुए कहा कि इस काले कानून के खिलाफ आप सड़कों पर आएं और कानून के खिलाफ मजबूत विरोध दर्ज करें.
राजद नेता ने कहा कि कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार को एक बार परामर्श करनी चाहिए थी पर सरकार ने नहीं किया. अब स्क्रिप्ट में दिखा रही है कि किसानों को फायदा होगा.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार के किसानों ने पलायन शुरू कर दिया है क्योंकि बिहार के किसान मजदूर बन चुके हैं. सरकार ने 2006 में ही मंडी खत्म कर दी. सही मूल्य नहीं मिल पा रहे हैं. धान को लेकर हमने विधानसभा में भी उठाया था. कहीं भी बिहार में धान की खरीद नहीं हो रही है.
मुख्यमंत्री साफतौर पर झूठ बोल रहे हैं. तेजस्वी ने कहा कि सीन चौड़ा कर मुख्यमंत्री ने इस बिल का संसद में समर्थन किया था. तब मैंने कहा था कि बिहार पहला राज्य है जहां सरकार ने मंडी खत्म की है. बात अगर फंसेगी तो कितने स्तर पर उन्हें जाना पड़ेगा. वकील भी रखना पड़ेगा, कोर्ट भी जाना पड़ेगा, लेकिन कम्पनी वालों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
अब तो सारे अवार्ड लोग वापस कर रहे हैं, फिर भी सरकार को समझ नहीं आ रहा. डेमोक्रेसी पर खतरा है. कल भी किसानों ने बातचीत के दौरान न तो पानी पीया न खाया. जब किसान आंदोलन कर रहे हैं तो लाठी से लेकर आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं.
इतनी बड़ी समस्या देश के सामने है और पीएम गायब हैं. क्या पीएम को किसानों की बात नहीं सुननी चाहिए थी. जनप्रतिनिधियों से नहीं बल्कि ये फैसला जनता की होनी चाहिए थी. रेलवे को निजीकरण कर दिया. कोरोना की आड़ में सभी को बर्बाद किया जा रहा है. किसी की पूछ मौजूदा सरकार में नहीं हो रही है.
हमलोग पूरी तरह चिंतित हैं क्योंकि जब किसान के पास जमीन ही नहीं रहेगी तो किसान क्या करेंगे. क्या भयावह स्थिति होगी ये सबको पता है. हम सभी संगठनों से अपील कर रहे हैं कि इस आंदोलन को मजबूत करें. हमारी पार्टी ने सभी नेताओं के साथ विमर्श भी किया है और कल आरजेडी इसी मसले को लेकर सुबह 10 बजे से पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के पास धरना देगी क्योंकि ये गांधी जी के विचारों से जुड़ा मसला है. धरना में महागठबन्धन के सभी दल शामिल होंगे.
गांधी जी को महात्मा चम्पारण की धरती ने बनाया. नील की खेती वाली और अंग्रेज वाली ही स्थिति है. हर किसी को मजदूर बनाकर छोड़ा जाएगा. बिहार के सीएम को देख लीजिए कोरोना को लेकर कमिटी बनाने की बात हुई थी. सदन को गुमराह किया जाता है.
सिर्फ मीडिया में बातों की हवा बनायी जाती है. जवाब होगा तब तो मिलेगा. ऐसी सरकार जो झूठी सरकार हो. पहली बार एनडीए सरकार में परम्परा चल रही. झूठ बोलो, शानदार बोलो और बारबार बोलो. जो अधिकारी दिया उसे पढ़कर बोल दिया.