Patna: पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रही है. दो दिसंबर को बिहार एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगे. तीन दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि विपक्ष यानी महागठबंधन की ओर से कोई उम्मीदवार उतारा जा रहा है अथवा नहीं. इससे भी अधिक सस्पेंस इस बात को लेकर है कि लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने पत्ते अब तक क्यों नहीं खोले हैं. आखिर उनके मन में क्या है.
दरअसल, महागठबंधन में कुछ और भी मंथन किया जा रहा है. दरअसल आरजेडी चाहता है कि दलित नेता के निधन से खाली हुई इस सीट के लिए किसी दलित को ही मौका दिया जाए. श्याम रजक जैसे कई नेता इस लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन आरजेडी के रणनीतिकारों की यही सोच सामने आ रही है कि अगर चिराग पासवान सहमति देते हैं तो उनकी माता व दिवंगत राम विलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को खड़ा कर वह सियासी तौर पर कई शिकार कर लेगी. हालांकि इस पर आखिरी फैसला चिराग पासवान को करना है.
वहीं, राजनीतिक गलियारों में यही चर्चा है कि एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान इस पर बुधवार को ही आखिरी फैसला लेंगे. दूसरी ओर तेजस्वी यादव के अगले कदम को लेकर भी कयासों का बाजार भी गर्म है क्योंकि उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोल कर सस्पेंस को बरकरार रखा है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते रहे चिराग पासवान बीजेपी के खिलाफ जंग लड़ेंगे?
बता दें कि एलजेपी को एक राज्यसभा सीट देने का फैसला लोकसभा चुनाव के दौरान ‘सीट शेयरिंग फॉर्मूले’ के तहत तय हुआ था. तब बीजेपी और जेडीयू दोनों 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और एलजेपी ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. साथ ही राज्यसभा की एक सीट एलजेपी के खाते में देने के लिए बीजेपी-जेडीयू तैयार हुए थे. अगर आने वाले दिनों में रामविलास पासवान वाली खाली राज्य सभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी एलजेपी के उम्मीदवार को नहीं उतारेगी तो ये उस फॉर्मूले का उल्लंघन होगा.
हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू से बढ़ी तल्खी और चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद चिराग की बेबसी भी साफ झलक रही है. जब भाजपा ने इस सीट के लिए सुशील कुमार मोदी के नाम की घोषणा कर दी तो बीते 28 नवंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के 20वें स्थापना दिवस पर इसको लेकर चिराग की झल्लाहट भी साफ दिखी. हालांकि उन्होंने संयमित तरीके से ही मीडिया का जवाब देते हुए कहा, यह सीट भाजपा की है और यह फैसला उसे करना है कि वह उपचुनाव में किस पार्टी से उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है. हालांकि उन्होंन यह नहीं साफ किया कि उनकी मां रीना पासवान उम्मीदवार होंगी या नहीं.
बता दें कि बिहार भाजपा नामित पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दो दिसम्बर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. सुशील कुमार मोदी दो दिसम्बर को साढ़े 12 बजे नामांकन दाखिल करेंगे. नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, आदि वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. इस उपचुनाव के लिए सात दिसबंर नाम वापसी का अंतिम दिन है. 14 दिसंबर को मतदान और मतगणना होगा. ऐसे में अब सबकी निगाहें सिर्फ इसी बात पर टिकी हैं कि क्या चिराग क्या फैसला करते हैं.